इस एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय में अभी तक नहीं शुरू हो पाई कक्षाएं !

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रोजाना24,चम्बा : केंद्र सरकार ने हिमाचल प्रदेश में इस वर्ष तीन नये एकलव्य आदर्श आवासीय स्कूल खोले हैं. जिनमें से लौहल व पांगी के स्कूलों में कक्षाएं शुुरू हो चुकी हैं लेकिन जनतीय क्षेत्र भरमौर में अभी तक छठी की कक्षाएं शुरू नहीं हो पाई हैं.जबकि वार्षिक परीक्षाएं नवम्बर माह के अंत में अथवा दिसम्बर माह के शुरूआती सप्ताह में होनी हैं.वर्ष के दस माह बीतने को हैं लेकिन  इस ईएमआरएस में कक्षाएं शुरू नहीं हो पाईं जिस कारण अभिभावकों में भी बच्चों की पढ़ाई को लेकर परेशानी बढ़ने लगी है.विभिन्न स्कूलों से अपने नाम कटवा कर इस स्कूल में बच्चों के दाखिले तो हो चुके हैं लेकिन कक्षाएं अभी भी आरम्भ नहीं हो पाई हैं.जिस कारण बच्चों की पढ़ाई भी रुक गई है. रोजाना24 ने जब कक्षाएं शुरू न हो पाने का कारण जानने के लिए एकलव्य आदर्श आवासीय स्कूल के प्रधानाचार्य से सम्पर्क किया तो उन्होंने कहा कि स्कूल में कक्षाएं चलाने के लिए अभी फिलहाल अस्थाई समाधान किया गया है.जिसमें रावमापा खणी के गुरूकुल आवास का उपयोग किया जाएगा.इस आवास में कक्षाएं चलाई जाएंगी व इसी में छात्रावास व्यवस्था भी रहेगी.कुछ अध्यापकों को यहीं ठहरने की व्यवस्था हो जाएगी लेकिन कुछ अध्यापकों को किराये के आवास में रहना पड़ सकता है.उन्होंने कहा कि ढांचागत समस्या केवल पहले वर्ष ही सामने आएगी.जबकि अगले वर्ष से इस स्कूल को पर्याप्त भवन मिलने की सम्भावना है.

शैक्षणिक सत्र में देरी के कारण छात्रों की पढ़ाई बाधित होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि स्कूल में दाखिला के लिए परीक्षा पास करने वाले छात्र छात्राएं अभी जिस भी बोर्ड व पाठ्यक्रम की पढ़ रहे उसी के आधार पर उनकी परीक्षा करवाई जाएगी.अगले शैक्षणिक वर्ष से सभी छात्र छात्राएं इस स्कूल के निर्धारित प्रारूप के अनुसार पढ़ाई शुरू करेंगे.

गौरतलब है कि जनजातीय क्षेत्र भरमौर में केंद्र सरकार द्वारा इस वर्ष से एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय चलाने का निर्णय लिया है.उपमंडल की ग्राम पंचायत खणी में शुरू किए जा रहे इस आवासीय विद्यालय को चलाने के लिए संस्थान के पास अभी अपना भवन नहीं है.जिस कारण कक्षाएं शुरू करने में काफी देरी हो गई है.अक्तूबर माह के अंतिम हिस्से में कक्षाएं शुरू हो रही हैं तो नवम्बर माह के अंत या दिसम्बर माह के पहले हफ्ते से वार्षिक परीक्षाएं भी शुरू हो जाएंगी.ऐसे में पहले वर्ष बच्चों की पढ़ाई में व्यवधान पड़ना तय है.

हालांकि संस्थान के प्रधानाचार्य इसे सामान्य प्रक्रिया बताते हुए कहते हैं कि छठी कक्षा में दाखिले के लिए यही समय होता है.शैक्षणिक सत्र में थोड़ी देरी जरूर हुई है लेकिन अध्यापक इस कमी को जल्द पुरा कर लेंगे.