- रोजाना24,शिमला : प्रदेश में मीडिया व सोशल मीडिया के माध्यम से स्वाइन फ्लू का गैर वाजिव भय तैयार हो रहा है.जोकि बीमारी से ज्यादा घातक है.इस विषय पर आईजीएमसी शिमला के वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक डॉ जनक राज ने कहा कि फ्लू के भय का एक गलत संदेश लोगों में फैल रहा है इन अफवाओं पर काबू पाने के लिए मेडिकल एडवायजरी बोर्ड बनाया गया है.आईजीएमसी प्रधानाचार्य के नेतृत्व में चिकित्सा अधीक्षक व विभागाध्यक्षों की एक समिति बनाई गई है जो कि स्वाइन फ्लू को लेकर एडवाजरी जारी करेगी.उन्होंने कहा कि सामान्य लोगों में सामान्य बुखार व इस वायरस के लक्षणों से होने वाले लक्षणों में अंतर न कर पाने के कारण इसे लेकर स्थित असमंजस की बनी हुई है.
डॉ जनक राज ने कहा कि सामन्य जुकाम में प्रभाव के लक्षण धीमे होते हैं जबकि इस वायरस के कारण तेज बुखार,गले में दर्द,शरीर में तेज दर्द,ठंड ज्यादा लगना,सिर दर्द जैसे लक्षण तेजी से बढ़ते हैं ऐसी स्थिति में मरीज को चिकित्सक के पास ही लाएं.विशेषज्ञों ने तकनीकी रूप से इसे तीन श्रेणियों में विभक्त किया है.ताकि इसका तुरंत पता लगाया जा सके.उन्होंने कहा कि अस्पताल में इस बीमारी का उपचार करने के लिए दवाइयों का पर्याप्त भंडार है.व वायरस से पीड़ित मरीज स्वस्थ होकर घर जा रहे है.
उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि वे इससे बचने के उपाय बताते हुए कहा कि ऐसे लक्षणों से प्रभावित व्यक्ति को भीड़ भाड़ वाली जगहों में न जाने दिया जाए.खांसते समय रुमाल से मुंह नाक ढक कर रखें व हाथों को धोने के लिए अच्छे सैनिटाईजर का प्रयोग करें.
उन्होंने इस बात पर ज्यादा जोर दिया कि मरीज को घर पर दवाइयां देने के बजाए अस्पताल में जांच करवाएं.