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रंग तिरंगे के ही हैं ! शायद उनका नजरिया राजनीतिक हो – डॉ जनक राज.

रोजाना24,शिमला : अायुष्मान भारत की जानकारी देते हुए आईजीएमसी शिमला परिसर की दीवारों पर की गई वॉल राइटिंग पर विक्रमादित्य सिंह की टिप्पणी पर आज संस्थान के वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक डॉ जनक राज ने कहा कि आज काम पूरा हो गया है.इसे देखकर अब कहें कि केंद्र सरकार की ‘आयुष्मान भारत’ योजना के तहत लोगों को नि:शुल्क उपचार उपलब्ध करवाने की जानकारी देना गलत है.उन्होंने कहा कि पेंट करने के लिए प्रयुक्त संतरी,हरा,सफेद,नीला आदि सभी रंग तिरंगे से लिए गए हैं.रंगों को देखने का नजरिया सबका अपना अपना है.उन्होंने कहा कि वे सरकार के राजपत्रित अधिकारी हैं और संस्थान में लोगों का उपचार जाति, रंग,लिंग,अमीर,गरीब व राजनैतिक दल देखकर नहीं किया जाता व न ही वे स्वयं कभी किसी को ऐसा करने की अनुमति देंगे.

डॉ जनक राज ने कहा कि रंगों के प्रयोग पर टीका टिप्पणी नहीं की जानी चाहिए क्योंकि कई लोगों को तो टोपी के रंगों में भी राजनीति दिखती है.

इस मामले में कई लोग डॉ जनक राज के साथ खड़े होते दिखाई दे रहे हैं.जिनका कहना है कि दीवार पर संतरी सफेद और हरा रंग राष्ट्रीय ध्वज के अलावा कांग्रेस के झंडे में भी हैं ऐसे में इसका भगवाकरण कहना सही नहीं माना जा सकता.

डॉ जनक राज द्वारा अपने निर्णय पर अडिग रह कर मौके पर जबाव देने के परिपक्व व्यवहार से उनके कॉलेज समय के छात्र नेता की झलक दिख रही है.जब वे आईजीएमसी में एमबीबीएस की ट्रेनिंग के दौरान मेडिकल कॉलेज के अध्यक्ष बनकर कड़े तेवरों से छात्र हितों के मुद्दों को उठाते थे.उस वक्त शायद उनको सरकार का विरोध झेलना पड़ता होगा.लेकिन आज उनके निर्णय पर सरकार उनके पीछे दृढ़ता से खड़ी दिख रही है.रंगों को लेकर छिड़ी यह जुबानी जंग आम लोगों को इस वक्त एक राजनेता व एक सरकारी अधिकारी के बीच दिख रही हो लेकिन राजनीतिक जानकार मानते हैं कि यह जंग दो राजनीतिक पार्टियों की विचारधाराओं की है.जो भविष्य की राजनीति में कुछ नये गुल भी खिला सकती है.

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