रोजाना24,चम्बा :-यहां थप्पड़ मारने पर मुकद्दमा दर्ज हो जाता है इन्सान की मृत्यु पर नहीं.ग्राम पंचायत औरा के थल्ला गांव के युवक की आज सुबह कार्यस्थल पर करंट लगने से मृत्यु हो गई.प्रशासन ने मृतक युवक के परिवार की सहायता करने का प्रयास किया और अस्पताल में ही नायब तहसीलदार ने दस हजार रुपये की नकद राशी प्रदान की.तो अस्पताल प्रशासन ने भी पोस्टमार्टम करवा कर शव को परिजनों के सपुर्द कर दिया.मौके पर पुलिस भी पहुंची और वहां मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों के ब्यान दर्ज कर आईपीसी 174 के तहत मामला दर्ज कर अपना काम निपटा दिया.यहां तक की कार्यवाही में तीनों विभागों ने अपनी कार्यवाही को जल्द पूरा किया लेकिन युवक की मृत्यु के लिए जिम्मेदार कौन है इसका जबाव न तो पुलिस ने तलाशा व न ही एनएचपीसी,व न ही उस ठेकेदार ने जिसके पास यह मृतक त्रिलोक मजदूरी कर रहा था.परिजनों ने अब असंतोष प्रकट करते हुआ शव का अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया है.मृतक के मामा तिलक राज ने कहा कि मृतक त्रिलोक राज के पिता भेड पालक हैं व वह इस समय घर पर नहीं हैं.उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति की जान चली गई है लेकिन किसी ने इसकी वजह तक नहीं पूछी.जबकि किसी को थप्पड़ मार दिया जाए तो मुकद्दमा दर्ज हो जाता है.उन्होंने कहा कि बीस वर्षीय इस युवक का जनवरी माह में विवाह होना था परिवार के भरणपोषण की जिम्मेदारी सम्भाल रहे त्रिलोक राज की मृत्यु एनएचपीसी का कार्य करने के दौरान हुई है.जिसकी जिम्मेदारी उस ठेकेदार की भी है जिसके पास त्रिलोक कार्य कर रहा था.वहीं विद्युत विभाग भी इसके लिए जिम्मेदार है जिसकी तारें नियमानुसार धरती से उचित दूरी पर नहीं हैं.उन्होंने कहा कि पुलिस को इस बारे में एनएचपीसी,विद्युत विभाग व ठेकेदार के खिलाफ मामला दर्ज कर मृतक के परिवार की सहायता करनी चाहिए.उन्होंने कहा कि जब तक प्रशासन व पुलिस इस पर कार्यवाही नहीं करते तब तक वे शव का अन्तिम संस्कार नहीं करेंगे.अगर उनकी बात को अनसुना किया गया तो वे भरमौर मुख्यालय में शव यात्रा निकालेंगे.
वहीं घटना स्थल के प्रत्यक्षदर्शी विकू ने बताया कि वे दो दिन से विकास राणा नामक ठेकेदार के माध्यम से एनएचपीसी के लोहे के चैनल ढोने का कार्य कर रहे हैं.घटना के दौरान वे तीसरा फेरा लगा रहे थे.त्रिलोक के चैनल में वहां से गुजर रही बिजली तारों से करंट आ गया और वह अचेत होकर गिर पड़ा.घटना के तुरन्त बाद उन्होंने अपने रिस्तेदारों के वाहन की मदद से त्रिलोक को भरमौर अस्पताल पहुंचाया गया जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया.मृतक के परिजन यहां कुछ तर्कों के आधार पर जांच चाहते हैं जिनमें से
1.दुर्घटना स्थल पर बिजली की तारों की जमीन से ऊंचाई मानकों के अनुरूप थी या नहीं.
2.कार्यस्थल पर सुरक्षा व्यवस्था क्या थी.
3.जिन लोहे के चैनल को ढोया जा रहा था उन्हें किस स्थान से ढोया जाना था.
4.एनएचपीसी ने अपने कार्यक्षेत्र में घटी इस घटना पर संज्ञान लेते हुए बचाव कार्य क्यों नहीं किया ?
5.ठेकेदार ने मजदूरों को सुरक्षा उपकरण दिए या नहीं.
6.दुर्घटना स्थल पर सम्भावित खतरे सम्बंधी स्थाई/अस्थाई साईन बोर्ड लगाए थे या नहीं.
यहां सोचने वाली बात यह है कि पुलिस ने मृत्यु के कारणों की पड़ताल कर इसके लिए जिम्मेदार लोगों के विरुद्ध मामला दर्ज क्यों नहीं किया ?