सात माह में ही दो हजार रु बढ़ गया संकर प्रजाति के बकरों का मुल्य.

रोजाना24,भरमौर :- भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, क्षेत्रीय केंद्र पालमपुर द्वारा जनजातीय उप योजना के अंतर्गत गरोला और उल्लांसा पंचायतों में 91 उत्कृष्ट संकर प्रजाति बकरियां एवं 10 बकरे, पशु आहार, चारा, खनिज मिश्रण, एवं दवाइयां आबंटित की गईं. इस दौरान एक दिवसीय किसान गोष्ठी का भी आयोजन किया, जिसमें करीब 125  किसानों/पशुपालकों ने भाग लिया। इस कार्यक्रम में अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी भरमौर पृथी पाल  सिंह मुख्य अतिथि के रूप में पधारे। इस कार्यक्रम में डॉ. सतीश कुमार, सहायक निदेशक भेड विकास एवं पशुपालन विभाग भरमौर ने भी भाग लिया। डॉ. जी.मल.स्टेशन प्रभारी ने जनजातीय उप योजना के तहत चयनित परिवारों से अनुरोध किया कि बकरे/बकरियों की अच्छी देखभाल करें, ताकि बकरी पालन आजीविका का साधन बन सके।उन्होंने कहा कि इस योजना के अंतर्गत मार्च 2018 में इस पंचायत के पशुपालकों को संकर प्रजाति की 40 बकरियां एवं 4 बकरों का आबंटन किया था.जब उपरोक्त बकरियां आवंटित की थी तो उनका औसतन मूल्य 5910/- रुपए था विभाग द्वारा अक्टूबर 2018 में किए गए सर्वेक्षण में इनका मूल्य 7887 रुपए लगभग आंका गया है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पृथी पाल सिंह ने पशुपालकों को सुझाव दिया कि सरकारी योजनाएं आम जनता के कल्याण हेतु होती है लेकिन इनकी सफलता किसानों/पशुपालकों द्वारा सकारात्मक दिलचस्पी पर निर्भर करती है उन्होंने वैज्ञानिकों द्वारा किसानों के सहयोग की प्रशंसा की। गोष्टी में पधारे किसानों और पशुपालकों की पशुपालन और कृषि संबंधी समस्याओं का विभिन्न विषय  विशेषज्ञों द्वारा समुचित समाधान किया गया। किसान गोष्ठी में डॉ सतीश कुमार ने विशेष योगदान दिया। डॉ. यू .एस.पति एवं डॉ. गौरी जैरथ ने इस आयोजन में महत्वपूर्ण सहयोग दिया। अपने संभाषण एवं धन्यवाद प्रस्ताव में डॉ.वी.सिंह, प्रभारी जनजातीय उप योजना ने बताया कि वैज्ञानिकों द्वारा किए गए अनुसंधान कार्य का लाभ किसानों पशुपालकों को अवश्य मिलना चाहिए।।