नालायक कौन ? बच्चे !… एडीएम के औचक निरीक्षण से खड़े हुए सवाल.

रोजाना24,चम्बा :-  अब यह प्रश्न हर घर में उठने लगा है क्योंकि बच्चे तो लगभग हर घर से स्कूल पढ़ने जाते हैं.कुछ सरकारी तो कुछ अब निजि स्कूलों में दाखिला ले रहे हैं.सरकारी स्कूल में वर्ष दर वर्ष छात्रों की संख्या कम हो रही है.अक्सर अभिभावक सरकारी स्कूलों में बच्चों को गुणात्मक शिक्षा न प्रदान करना इसका कारण बताते रहे हैं लेकिन अध्यापक वर्ग अपनी बहुसंख्या बल की प्रभावी आवाज व सरकार की नीतियों को ही इसके लिए जिम्मेदार ठहरा कर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं.लेकिन अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी भरमौर द्वारा स्कूलों में किए गए  औचक निरीक्षणों ने अभिभावकों के तर्क को ज्यादा उचित पाया है.अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी राउवि शठली,रामापा हड़सर,राउवि कुगति,रामापा ग्रीमा,राप्रापा लमणौता,रावमापा खणी में छात्रों के शैक्षणिक स्तर का परीक्षण कर चुके हैं .जहां उनका परिणाम अपने कक्षा के स्तर से काफी नीचे था.इस कड़ी में आज जब वे राउवि लामू पहुंचे तो वहां भी बच्चों से किताबों से कुछ सामान्य प्रश्न पूछे लेकिन बच्चे यहां भी अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी के इन प्रश्नों के जबाव नहीं दे पाए.क्षेत्र के सरकारी स्कूलों के बच्चों की पढ़ाई के गिरते स्तर पर एडीएम भरमौर के निरीक्षण से भी पुष्टि हो गई.अतिरिक्तत जिला दण्डाधिकारी पृथीपाल सिंह ने अध्यापकों के साथ साथ स्कूल प्रबंधन समिति को भी फटकार लगाई .उन्होंने कहा कि स्कूल प्रबंधन समितियों की लापरवाही भी बच्चों की पढ़ाई के स्तर को गिराने के लिए जिम्मेदार है.उन्होंने कहा कि यह समितियां अपनी शक्तियों का प्रयोग स्कूलों की शैक्षणिक गतिविधिओं पर नजर रखें तो इसमें सुधार हो सकता है.

अभिभावकों अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी के औचक निरीक्षण कार्य की सराहना करते हुए कहा कि इससे अध्यापकों की आंखें तो खुलेंगी आखिर कब तक वे बच्चों को ही नालायक मानते रहेंगे.