रोजाना24, चम्बा :- प्रदेश के लोगों को स्वास्थ्य के क्षेत्र में बड़ी राहत देने से पूर्व ही महंगा कर दिया गया है.प्रदेश के विभिन्न भागों में इस समय हि प्र सार्वजनिक स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत समार्ट कार्ड बनाए जा रहे हैं.पिछले हफ्ते तक लोगों से स्मार्ट कार्ड के लिए 365 रू.प्रति परिवार के हिसाब से शुल्क लिया जा रहा था लेकिन एक सप्ताह पूर्व ही समार्टकार्ड बना रही कम्पनी कर्मचारियों ने लोगों से एक हजार रुपये शुल्क लेना शुरू कर दिया है.जिस कारण लोगों व कर्मचारियों के बीच तू तू मैं मैं भी हो रही है.ब्लॉक कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष भरमौर भजन सिंह ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने प्रदेश के आम लोगों को बीमारी के खर्च से मुक्ति दिलवाने के लिए मार्च 2016 में हि प्र सार्वजनिक स्वास्थ्य सुरक्षा योजना की घोषणा की थी.तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने इस योजना के लिए तीन सौ पैंसठ रुपये का शुल्क प्रति स्मार्ट कार्ड रखा था.लेकिन मौजूदा भाजपा सरकार ने लोगों के साथ स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के नाम पर ठगी कर रही है.एक दिन का एक रुपया स्वास्थ्य योजना के नाम पर इस योजना को लागू किया गया था लेकिन अब सरकार ने प्रदेश के लाखों लोगों से हजार हजार रुपये प्रतिवर्ष इक्टठा करने का व्यवसाय शुरू कर दिया है.जिसका आम लोगों की आर्थिक खराब होगी.उन्होंने कहा कि जो गरीब परिवार तीन सौ पैंसठ रुपये में स्मार्ट नहीं बनवा पा रहे थे तो वे इसके लिए एक हजार रुपये कहां से दे पाएंगे.भजन सिंह ठाकुर ने कहा कि स्वास्थ्य योजना के नाम पर सरकार ने अवैध वसूली को वैध तरीके से लागू किया है.
गौरतलब है कि भरमौर क्षेत्र में आजकल पंचायतों में स्मार्ट कार्ड बनाने का कार्य चल रहा है.जब तक स्मार्ट कार्ड के लिए 365 रुपये का प्रीमियम लिया जा रहा था तब तक तो लोग स्मार्ट कार्ड बनवाने के लिए बड़ी संख्या में पहुंच रहे थे लेकिन जब से इसके लिए एक हजार रुपये लिए जाने लगे हैं तब से लोगों ने स्मार्ट कार्ड बनवाने के लिए किनारा कर लिया है.सरकार ने 22 अक्तूबर को नई अधिसूचना जारी कर इस योजना का वार्षिक प्रीमियम 365 से बढ़ाकर 1000 रू कर दिया है.यहां स्मार्ट कार्ड बना रहे कर्मचारी ने कहा कि लोग एक हजार रुपये देने को तैयार नहीं हैं इसके लिए लोग झगड़ा करने को उतारु हो रहे हैं.लोगों को सरकार द्वारा जारी अधिसूचना की प्रति दिखाने के बाद लोग शांत तो हो रहे हैं लेकिन स्मार्ट कार्ड बनवाने से आनाकानी कर रहे हैं.