रोजाना24,चम्बा :- विश्व प्रसिद्ध मणिमहेश यात्रा के विषय में देश के बहुत से लोग भली भांति परिचित हैं.मणिमहेश यात्रा कब शुरू होती व कब समाप्त होती है यह तो सब जानते होंगे लेकिन मणिमहेश यात्रा के समाप्त होने के बाद क्या होता है यह बहुत कम लोगों को पता है.
रोजाना24.कॉम आपको मणिमहेश यात्रा की अनदेखी व महत्वपूर्ण कड़ी के बारे में जानकारी दे रहा है.राधाष्टमी स्नान के दौरान मणिमहेश डल झील से जल भरकर छतराड़ी गांव में स्थित शिवशक्ति मंदिर में शक्ति माता की प्रतिमा को स्नान करवाया जाता है.यह स्नान राधाष्टमी के एक दिन बाद करवाया जाता है.देवी स्नान के बाद यहां तीन दिवसीय मेलों का आयोजन किया जाता है.जिसमें पहला मेला खप्पर बुड्ढा नृत्य,दूसरा मेला लोक नृत्य व तीसरा व अहम मेला आली माली नृत्य के लिए जाना जाता है.
मणिमहेश झील के जल से भगवती पार्वती के शक्ति रूप का अभिषेक करने से शिव व शक्ति का मिलन माना जाता है कि छतराड़ी शक्ति माता का मणिमहेश जल से अभिषेक करने पर ही मणिमहेश यात्रा पूरी होती है.
इस वर्ष 18 सितम्बर को शक्ति माता प्रतिमा का स्नान करवाया जाएगा.ग्राम पंचायत छतराड़ी व श्री शिवशक्ति मेला समिति इस जिला स्तरीय मेला का आयोजन करने जा रही है.मेले के दौरान विभिन्न खेल गतिविधियों व सांध्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है.