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भ्रष्टाचार आरोप पर अधिशाषी अभियंता अब लड़ेंगे आर पार की !

रोजाना24,चम्बा -: दो अधिशाषी अभियंताओं पर भ्रष्टाचार के आरोप लगने के बाद भरमौर क्षेत्र में चर्चाओं का बाजार गर्म.

बीती रात एक वैब पोर्टल पर भाजयुमो जिला उपाध्यक्ष स्वरूप ठाकुर व केवल जरयाल लोनिवि भरमौर के अधिशाषी अभियंता इंद्र सिंह उत्तम व सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग के अधिशाषी अभियंता दिनेश कपूर पर रिश्वतखोरी के इल्जाम जड़ दिए.सोशल मीडिया में आग की तरह फैली इस खबर पर क्षेत्र में चर्चाओं का बाजार गर्म रहा.यह पहली बार हुआ था कि किसी पार्टी के पदाधिकारी ने अपनी सरकार के कार्यकाल में किसी बड़े अधिकारी पर भ्रष्टाचार के सीधे आरोप जड़े हों.

स्वरूप ठाकुर ने कहा कि वे मीडिया में दिए अपने ब्यान पर कायम हैं.उन्होंने अपने ब्यान कहा है कि लोनिवि भरमौर मंडल के अधिशाषी अभियंता कांग्रेस के ठेकेदारों से मोटी रिश्वत लेकर उनके कार्य कर रहे हैं.यही नहीं भरमौर क्षेत्र के क्रैशवैरियर का कार्य नूरपुर के ठेकेदार को दे दिया है.

वहीं केवल जरयाल द्वारा सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य विभाग के अधिशाषी अभियंता दिनेश कपूर पर लगाए गए भ्रष्टाचार की चर्चा भी लोगों की जुबान पर रही.

लोगों का कहना है कि स्वरूप ठाकुर व केवल जरयाल अगर सही आरोप लगा रहे हैं तो उन्हें इसके सबूत भी मीडिया में जारी कर देने चाहिए ताकि उनपर ब्लैकमेलिंग का आरोप न लग सके.अगर इन अधिकारियों ने सचमुच भ्रष्टाचार किया है तो इन पर सरकार को जल्द कार्यवाही करनी चाहिए.लेकिन आरोपों के अनुसार अधिशाषी अभियंता पर जिन कांग्रेसी ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने का आरोप है,वे भी अब तक उनके पक्ष में सामने नहीं आए हैं.वहीं अधिशाषी अभियंता को भरमौर मंडल में तैनाती का विरोध कांग्रेसी ठेकेदारों ने भरमौरी के कार्यकाल में भी किया था जिस कारण इंद्र सिंह उत्तम को कांग्रेस कार्यकाल में भरमौर में तैनाती नहीं दी गई थी.

तमाम घटनाक्रम पर जब हमने अधिशाषी अभियंता इंद्र सिंह से उनका पक्ष पूछा तो उन्होंने कहा कि अगर कोई सामान्य व्यक्ति ऐसे आरोप लगाता तो वे अनदेखा कर सकते थे.लेकिन यह आरोप विभाग के वही ठेकेदार लगा रहे हैं जो विभाग से अवैध कार्य करवाना चाहते हैं.उन्होंने कहा कि वे इस बारे में जो भी उचित कार्यवाही होगी वे करेंगे.उन्होंने कहा कि उनका कार्यालय पारदर्शिता से कार्य करता है.पांच लाख रुपये से अधिक राशी के टैंडर आंनलाईन किए जाते हैं.जिसका सर्वर भरमौर मंडल के पास न होकर मुंबई में है.जहां से टैंडर में गड़बड़ी करना नामुमकिन है.ऑनलाईन टैंडर प्रक्रिया में कोई भी पंजीकृत ठेकेदार निविदा हासिल कर सकता है.बाकि आरोपों का जबाव वे कानूनी रूप से देंगे.

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