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लंगर सेवा समितियों को एडीएम की दो टूक मणिमहेश यात्रा में स्वच्छता बनाए रखें वर्ना कार्यवाई निश्चित .

चम्बा-: लंगर की अनुमति प्रमाण पत्र लंगर पंडाल के बाहर लगाना होगा अनिवार्य.

मणिमहेश यात्रा के दौरान यात्रियों को भोजन की व्यवस्था करने वाली लंगर सेवा समितियों के साथ आज भरमौर प्रशासन ने बैठक कर दिशा निर्देश तय किये.अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी पृथी पाल सिंह ने बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि लंगर सेवा समितियों का मूल कार्य श्रद्धालुओं की सेवा करना है इसके लिए जरूरी नहीं कि सेवा समितियां मात्र खाना खिलाने के कार्य तक ही सीमित रहें.सेवा समितियां यात्रियों के लिए आपदा प्रबंधन,बिजली व्यवस्था.सुरक्षा,पार्किंग,स्वास्थ्य सहित कई अन्य क्षेत्रों में सेवा कर सकती हैं.

इस अवसर पर उपस्थित करीब अस्सी लंगर सेवा समितियों को लंगर के  नए दिशा निर्देश तय करते हुए अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी ने कहा कि लंगर लगाने के लिए अधिकांश नियम पुराने ही हैं लेकिन इस बार लागु कुछ नए नियमों की पालना बेहद आवश्यक बनाई गई है.जिसके तहत लंगर समितियां सड़क का कोई भी हिस्सा लंगर खिलाने के लिए इस्तेमाल नहीं करेंगी,वाहनों के रोककर खाना खिलाने के लिए यात्रियों को विवश न करें.खाने का सामान एगमार्क होना चाहिए.समितियों को प्रशासन द्वारा प्रदान किए गए अनुमति प्रमाण पत्र की प्रति लंगर पंडाल के बाहर प्रदर्शित करनी होगी ताकि निरीक्षण अधिकारियों को ज्यादा समस्या न हो.उन्होंने कहा कि साफ सफाई की व्यवस्था के अलावा समितियां कूड़ेदान व कूड़ा निष्पादन की जिम्मेदारी भी उठाएंगी.पॉलिथीन प्रतिबंधित होने के कारण इसका उपयोग करना गैर कानूनी होगा इसलिए धातु से बर्तनों का उपयोग करें.अगर कोई लंगर समिति पत्तों के प्लेट,पतल,दोने आदि उपयोग करते हैं तो उन्हें सम्मानित भी किया जा सकता है.लंगरों के पास महिला व पुरुष श्रद्धालुओं के लिए अलग अलग शौचालय व्यवस्था अनिवार्य रोगी.

भरमाणी माता मंदिर परिसर के पास स्थित पेय जल स्रोत को दूषित होने से बचाने के मद्देनजर उसके आसपास किसी को भी लंगर लगाने की अनुमति नहीं दी जाएगी.हड़सर लेकर मणिमहेश तक का पैदल मार्ग वन्यप्राणी व संरक्षित वन क्षेत्र के अंतर्गत आता है इसलिए इस क्षेत्र में लाऊड स्पीकर व अन्य ध्वनि यंत्र चलाने की अनुमति भी नहीं दी जाएगी.कौन लंगर सेवा किस प्रकार से जन सेवा कर रही है इस पर सैक्टर अधिकारी व अन्य निरीक्षण टीमें उनका आकलन कर आगामी वर्ष के लिए छंटनी व सम्मानित सेवा समिति की सूचि तैयार करेंगी.उन्होंने कहा कि नियमों की अवहेलना समितियों पर भारी पड़ सकती है इसलिए इसे गम्भीरता से लें 

लंगर समितियों से मात्र बारह हजार रुपये शुल्क लिया जाएगा.

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