मुख्यमंत्री सुखविंद्र सुक्खू ने शिपकी-ला में सीमा पर्यटन गतिविधियों का शुभारंभ किया, कैलाश मानसरोवर यात्रा के नए मार्ग की तैयारी

हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में स्थित रणनीतिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण शिपकी-ला दर्रे में मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने सीमा पर्यटन गतिविधियों का विधिवत शुभारंभ किया। इस पहल से न केवल पर्यटन को नया आयाम मिलेगा, बल्कि सीमावर्ती क्षेत्रों की आर्थिक गतिविधियों को भी बल मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने सीमा क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए लेपचा, शिपकी-ला, गिऊ और रानी कंडा जैसे स्थानों पर रक्षा मंत्रालय से अनुमति मांगी थी, और अब स्वीकृति प्राप्त होने के बाद यह कार्यक्रम आरंभ किया गया है।

जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार कैलाश मानसरोवर यात्रा को शिपकी-ला के रास्ते शुरू करने के लिए केंद्र सरकार से आग्रह करेगी। उन्होंने कहा कि यह मार्ग यात्रा के लिए सबसे सुगम और सुरक्षित होगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वह स्वयं प्रधानमंत्री से मिलकर इस विषय को उनके सामने प्रस्तुत करेंगे।

मुख्यमंत्री ने बताया कि वर्ष 2020 से शिपकी-ला के माध्यम से भारत-चीन व्यापार बंद है, जबकि इस दर्रे से व्यापार और सांस्कृतिक आदान-प्रदान की असीम संभावनाएं मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि व्यापार को पुनः शुरू करने का मामला भी केंद्र सरकार के समक्ष उठाया जाएगा, जिससे क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियां तेज होंगी।

प्रदेश सरकार ने केंद्र से हिमाचल स्काउट बटालियन की स्थापना का आग्रह किया है, जिसमें सीमावर्ती क्षेत्रों के युवाओं को विशेष अवसर देने की योजना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए हवाई अड्डा स्थापित करने, इनर लाइन परमिट की बाध्यता समाप्त करने तथा सैन्य और अर्धसैनिक बलों की चेक पोस्टों को हटाने के मुद्दे भी केंद्र सरकार के साथ उठाए जाएंगे। इन प्रयासों से पर्यटकों के लिए यात्रा सरल होगी और स्थानीय लोगों को रोज़गार के अवसर मिलेंगे।

उन्होंने बताया कि भारतीय सेना और अर्धसैनिक बलों के साथ मिलकर पर्यटक सुविधाओं को सुदृढ़ किया जाएगा। ITBP के स्वास्थ्य केंद्रों के माध्यम से सीमावर्ती क्षेत्रों में बेहतर चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी और ITBP के हेलीपैड्स को पर्यटन गतिविधियों में शामिल करने की योजना है।

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने ‘सरहद वन उद्यान’ का भी शुभारंभ किया और इंदिरा गांधी प्वाइंट का दौरा किया। उन्होंने कहा कि इन पहलों से स्थानीय समुदाय को नए अवसर मिलेंगे और सीमावर्ती क्षेत्रों में स्थायीत्व और विकास आएगा।

मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि वांगतू-अटरगू-मुद-भावा दर्रे से लाहौल-स्पीति को किन्नौर से जोड़ने वाली सड़क परियोजना को राष्ट्रीय वन्य जीव बोर्ड से मंजूरी मिल गई है। इसके निर्माण से शिमला और काजा के बीच दूरी लगभग 100 किलोमीटर कम हो जाएगी, जिससे यात्रियों और सामान के आवागमन में सुगमता आएगी।

इस अवसर पर राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए क्षेत्र में पर्यटन सुविधाएं बढ़ाने की बात कही। उन्होंने हिमाचल पथ परिवहन निगम द्वारा ऑन-डिमांड बस सेवा आरंभ करने का अनुरोध भी किया।

ग्राम पंचायत नमग्या के प्रधान बलदेव नेगी ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया। स्थानीय महिला मंडलों द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने आयोजन को आकर्षक रूप प्रदान किया।

कार्यक्रम में हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी बैंक के अध्यक्ष देवेंद्र श्याम, किनफेड के अध्यक्ष चंद्र गोपाल नेगी, सेना और ITBP के वरिष्ठ अधिकारी, जिला प्रशासन के प्रतिनिधि और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।