चंबा मेडिकल कॉलेज को NMC का कारण बताओ नोटिस, डॉक्टरों की भारी कमी पर उठे सवाल

चंबा मेडिकल कॉलेज को NMC का कारण बताओ नोटिस, डॉक्टरों की भारी कमी पर उठे सवाल

चंबा: हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले स्थित पंडित जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज एक बार फिर सुर्खियों में है। नेशनल मेडिकल काउंसिल (NMC) ने मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों की भारी कमी को लेकर कॉलेज प्रशासन को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। नोटिस में साफ तौर पर पूछा गया है कि आखिर क्यों अब तक डॉक्टरों की नियुक्तियां नहीं की गईं, जबकि पिछली जांच में कॉलेज में लगभग 40 फीसदी डॉक्टरों की कमी पाई गई थी।

एनएमसी की इस कड़ी कार्रवाई के बाद कॉलेज प्रशासन हरकत में आ गया है। कॉलेज प्रबंधन ने तत्काल राज्य सरकार को नोटिस की जानकारी दी है और डॉक्टरों की तैनाती की मांग की है। अब प्रशासन और राज्य स्वास्थ्य विभाग, एनएमसी की आगामी जांच से पहले कॉलेज में स्टाफ की स्थिति सुधारने के लिए युद्धस्तर पर प्रयास कर रहे हैं।

कॉलेज के प्रवक्ता डॉ. मानिक सहगल ने जानकारी देते हुए बताया, “एनएमसी द्वारा नोटिस जारी किए जाने के बाद कई विभागों में डॉक्टरों ने अपनी सेवाएं शुरू कर दी हैं। खासकर स्त्री रोग, रेडियोलॉजी और पैथोलॉजी विभागों में नई तैनातियां हुई हैं। प्रबंधन निरीक्षण को लेकर पूरी तैयारी में जुटा है।”

जानकारी के अनुसार, कुछ दिन पहले सरकार ने चंबा मेडिकल कॉलेज में रेडियोलॉजिस्ट सहित अन्य विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती के आदेश जारी किए थे। इनमें से कई डॉक्टरों ने कार्यभार संभाल भी लिया है, लेकिन कई ने ट्रांसफर ऑर्डर रद्द करवा दिए, जिससे स्थिति में अपेक्षित सुधार नहीं हो पाया है।

एनएमसी की पिछली टीम ने जब चंबा मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण किया था, तब डॉक्टरों की 40% से अधिक कमी सामने आई थी। उस समय कई विभागों में फेकल्टी नहीं थीं, और विद्यार्थियों की शिक्षा पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ा था। अब आगामी निरीक्षण से पहले सरकार पर दबाव है कि वह इस कमी को दूर करे, अन्यथा मेडिकल कॉलेज की मान्यता पर भी संकट आ सकता है।

स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर बताया, “हम एनएमसी के निरीक्षण से पहले सभी जरूरी पदों को भरने का प्रयास कर रहे हैं। कुछ डॉक्टरों को चंबा जैसे दूरदराज़ क्षेत्र में तैनात करना चुनौतीपूर्ण होता है, लेकिन हम हरसंभव कदम उठा रहे हैं।”

सूत्रों की मानें तो एनएमसी की टीम अगले कुछ हफ्तों में दोबारा मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण करेगी। इस दौरान केवल डॉक्टरों की संख्या ही नहीं, बल्कि अन्य सहायक स्टाफ, इंफ्रास्ट्रक्चर, और शैक्षणिक गुणवत्ता की भी बारीकी से जांच की जाएगी।

यदि कॉलेज में अभी भी पहले जैसी ही स्टाफ की कमी नजर आई तो एनएमसी द्वारा दूसरा कारण बताओ नोटिस जारी किया जा सकता है, जिससे कॉलेज की प्रतिष्ठा और मेडिकल शिक्षा पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है।