भरमौर (चंबा): मणिमहेश यात्रा के दौरान भरमौर स्थित चौरासी मंदिर परिसर की पवित्रता बनाए रखने को लेकर स्थानीय निवासी अनिल कुमार, नसीब, नन्द लाल, व सुरेंद्र ने अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी (ADM), भरमौर को एक ज्ञापन सौंपते हुए अस्थायी दुकानों के नियमन की मांग की है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि मंदिर क्षेत्र में ऐसे व्यक्तियों को दुकानें आवंटित न की जाएं जो धार्मिक आचरण और मर्यादाओं का पालन नहीं करते।
🔹 धार्मिक अनुशासन की आवश्यकता
ज्ञापन में कहा गया है कि चौरासी मंदिर हिमाचल प्रदेश हिन्दू सार्वजनिक धार्मिक संस्थान और धर्मार्थ बंदोबस्त अधिनियम, 1984 के तहत पंजीकृत प्राचीन धार्मिक स्थल है। ऐसे में परिसर में धार्मिक गरिमा और संयम का पालन अनिवार्य होना चाहिए।
🔹 पूर्व में हुए उल्लंघन पर नाराजगी
अनिल कुमार ने अपने पत्र में पूर्व वर्षों के अनुभवों का हवाला देते हुए बताया कि कुछ अस्थायी दुकानदारों द्वारा मंदिर परिसर में गैर-शाकाहारी भोजन पकाने, अशोभनीय व्यवहार करने और महिला श्रद्धालुओं को असहज करने जैसी घटनाएं सामने आई हैं, जिससे स्थानीय जनता और श्रद्धालुओं में रोष व्याप्त है।
🔹 अनुशासित आवंटन प्रक्रिया की मांग
उन्होंने सुझाव दिया कि मंदिर परिसर में दुकानें केवल उन्हीं को दी जाएं जो
- धार्मिक मर्यादा, स्वच्छता और सार्वजनिक शांति बनाए रखें
- शपथ पत्र (Affidavit) दें कि उल्लंघन की स्थिति में उनका लाइसेंस रद्द किया जा सकता है
🔹 अनैतिक वस्तुओं और गतिविधियों पर रोक
ज्ञापन में उन दुकानों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई है जो धार्मिक वातावरण के विपरीत वस्तुएं या सेवाएं प्रदान करती हैं। इसके साथ ही स्थानीय पुलिस और प्रशासन से निगरानी बढ़ाने और पालना सुनिश्चित करने के निर्देश जारी करने का आग्रह किया गया है।
🔹 धार्मिक स्वतंत्रता और सार्वजनिक व्यवस्था
अनिल कुमार ने संविधान के अनुच्छेद 25 और 26 का हवाला देते हुए कहा कि धार्मिक स्वतंत्रता के साथ-साथ सार्वजनिक व्यवस्था, नैतिकता और स्वास्थ्य का ध्यान रखना भी आवश्यक है। उनका कहना है कि यह पहल स्थानीय श्रद्धालुओं और यात्रा में आने वाले लाखों भक्तों की आस्था की रक्षा करेगी।