डलहौज़ी में भूस्खलन आपदा प्रबंधन मॉक ड्रिल: छात्रों और नागरिकों को दी गई त्वरित प्रतिक्रिया की प्रशिक्षण जानकारी

डलहौज़ी में भूस्खलन आपदा प्रबंधन मॉक ड्रिल: छात्रों और नागरिकों को दी गई त्वरित प्रतिक्रिया की प्रशिक्षण जानकारी

डलहौज़ी, चम्बा – हिमाचल प्रदेश के चम्बा जिले में आपदा प्रबंधन के प्रति जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से 30 मई 2025 को उपमंडल डलहौज़ी के भागधर स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में भूस्खलन स्थिति से निपटने हेतु एक विशेष मॉक ड्रिल एवं जन-जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह आयोजन उपमंडलाधिकारी (ना.) डलहौज़ी के नेतृत्व में किया गया, जो जिला चम्बा के प्रत्येक उपमंडल में मासिक रूप से आयोजित किए जा रहे ऐसे कार्यक्रमों की श्रृंखला का हिस्सा है।

इस मॉक ड्रिल का मुख्य उद्देश्य स्थानीय नागरिकों, विशेष रूप से विद्यालय के छात्र-छात्राओं एवं शिक्षकों को प्राकृतिक आपदाओं, विशेषकर भूस्खलन की स्थिति में त्वरित एवं सुरक्षित प्रतिक्रिया की जानकारी देना था। कार्यक्रम में अग्निशमन विभाग, होम गार्ड्स और स्वास्थ्य विभाग की टीमें सक्रिय रूप से शामिल रहीं। इन विभागों के विशेषज्ञों ने मौके पर उपस्थित लोगों को भूस्खलन के समय की जाने वाली आवश्यक सावधानियों, सुरक्षित निकासी की प्रक्रिया, प्राथमिक चिकित्सा एवं आपातकालीन संचार प्रणाली की बारीकियों से अवगत कराया।

विभागों ने दिए व्यावहारिक प्रशिक्षण

अग्निशमन विभाग द्वारा भूस्खलन के समय फंसे हुए लोगों को सुरक्षित स्थान तक पहुँचाने की तकनीकों का प्रदर्शन किया गया, वहीं होम गार्ड के प्रशिक्षकों ने आपातकालीन स्थिति में सामूहिक निकासी योजनाओं की जानकारी दी। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने现场 पर प्राथमिक उपचार का डेमो प्रस्तुत किया और विद्यार्थियों को यह सिखाया कि किस प्रकार मामूली चोट या सांस रुकने जैसी स्थितियों में तुरंत कार्रवाई की जाए।

आपदा उपकरणों का लाइव प्रदर्शन

विद्यालय प्रांगण में आपदा प्रबंधन से संबंधित उपकरणों जैसे स्ट्रेचर, हेलमेट, फर्स्ट-एड किट, आपातकालीन बैग, और कम्युनिकेशन उपकरणों का प्रदर्शन किया गया। छात्र-छात्राओं को इन उपकरणों के प्रयोग की व्यावहारिक जानकारी दी गई। स्वयं छात्रों ने मॉक रेस्क्यू में भाग लेकर यह अनुभव भी प्राप्त किया कि संकट की घड़ी में संयम और जागरूकता कैसे काम आती है।

प्रशासन ने बताया जागरूकता का महत्व

उपमंडलाधिकारी डलहौज़ी ने कार्यक्रम के दौरान संबोधित करते हुए कहा, “प्राकृतिक आपदाएँ कब और कहाँ होंगी, इसका पूर्वानुमान कठिन होता है, परंतु यदि हम पहले से तैयार रहें और सही प्रशिक्षण हो तो जान-माल की हानि को न्यूनतम किया जा सकता है।” उन्होंने यह भी जोड़ा, “इस प्रकार के कार्यक्रम न केवल नागरिकों को जागरूक बनाते हैं, बल्कि बच्चों में आपदा से निपटने की मानसिकता विकसित करते हैं।”

जनभागीदारी और प्रशिक्षण को मिली सराहना

स्थानीय नागरिकों एवं अभिभावकों ने भी इस आयोजन में भाग लिया और प्रशिक्षण को अत्यंत उपयोगी बताया। विद्यालय के प्रधानाचार्य ने कहा, “यह मॉक ड्रिल न केवल छात्रों के लिए एक नया अनुभव था, बल्कि यह जीवनरक्षक शिक्षा का हिस्सा बन सकता है। हम चाहते हैं कि ऐसे कार्यक्रम नियमित रूप से होते रहें।”

जिला प्रशासन की योजना है कि आने वाले महीनों में अन्य उपमंडलों में भी इसी प्रकार के मॉक ड्रिल एवं जन-जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएँ, जिससे संपूर्ण चम्बा जिला आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर और सजग बन सके।