10वीं-12वीं में खराब रिजल्ट पर शिक्षा विभाग सख्त, सभी जिलों से मांगी रिपोर्ट; 25% से कम रिजल्ट वाले प्रिंसिपल्स पर गिर सकती है गाज

10वीं-12वीं में खराब रिजल्ट पर शिक्षा विभाग सख्त, सभी जिलों से मांगी रिपोर्ट; 25% से कम रिजल्ट वाले प्रिंसिपल्स पर गिर सकती है गाज

हिमाचल प्रदेश के 10वीं और 12वीं कक्षा के परीक्षा परिणामों में लगातार गिरावट को गंभीरता से लेते हुए शिक्षा विभाग ने राज्यभर के सभी जिलों से रिपोर्ट मांगी है। विभाग ने एक सप्ताह के भीतर स्कूलवार विस्तृत जानकारी प्रस्तुत करने के आदेश जारी किए हैं। जिन स्कूलों में 25% से कम या 50% से कम परिणाम आए हैं, वहां के प्रधानाचार्य और मुख्याध्यापकों पर कार्रवाई की तलवार लटक गई है।

स्कूलों से मांगी गई दो रिपोर्टें

शिक्षा विभाग ने विभागीय वेबसाइट पर दो परफॉर्मा अपलोड किए हैं। जिलों के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे:

  1. पहली सूची में उन स्कूलों का विवरण दें जहां 10वीं या 12वीं में 25% से कम परीक्षा परिणाम आया हो।
  2. दूसरी सूची में 50% से कम रिजल्ट वाले स्कूलों की जानकारी दें।

इसके अलावा, इन स्कूलों से यह भी पूछा गया है कि—

  • पिछले वर्षों में इन स्कूलों का परीक्षा प्रदर्शन कैसा रहा?
  • जिन छात्रों ने तृतीय श्रेणी (3rd Division) में परीक्षा पास की, उनकी संख्या कितनी है?
  • ऐसे परिणाम किन भौगोलिक क्षेत्रों में अधिक देखने को मिले हैं?

शिक्षकों से मांगा जाएगा जवाब, हो सकती है कार्रवाई

शिक्षा निदेशक ने बताया कि जैसे ही यह रिपोर्ट प्राप्त होगी, परीक्षा परिणामों की गहराई से समीक्षा की जाएगी और कम प्रदर्शन करने वाले शिक्षकों से जवाबतलबी की जाएगी। जिन स्कूलों में लगातार खराब परिणाम आए हैं, वहां इन्क्रीमेंट रोका जा सकता है या प्रशासनिक कार्रवाई की जा सकती है।

गौरतलब है कि पिछले वर्ष भी खराब परिणाम पर दर्जनों शिक्षकों की वेतनवृद्धि (इन्क्रीमेंट) रोकी गई थी।

उत्कृष्ट स्कूलों का मॉडल बनेगा उदाहरण

विभाग ने यह भी तय किया है कि बेहतर प्रदर्शन करने वाले स्कूलों के शिक्षकों के मॉडलों को राज्य भर में साझा किया जाएगा ताकि कमज़ोर स्कूलों को प्रेरणा और दिशा मिल सके। शिक्षा विभाग का मानना है कि प्रशिक्षण और कार्यशालाएं केवल तभी प्रभावी होंगी जब उनका व्यवहारिक असर स्कूलों के परिणामों में दिखे।

सरकार का दावा: गुणवत्ता शिक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता

राज्य सरकार का कहना है कि वह गुणात्मक शिक्षा (Quality Education) को लेकर प्रतिबद्ध है।

  • शिक्षकों को प्रशिक्षित करने के लिए कार्यशालाएं चलाई जा रही हैं।
  • अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रशिक्षण के लिए विदेश दौरे भी शुरू किए गए हैं।
  • सरकार का कहना है कि तबादला नीति या विभागीय लापरवाही का बहाना नहीं चलेगा—मुख्य फोकस शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने पर है।