भारत सरकार की प्रसाद योजना के अंतर्गत अब हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले के धार्मिक पर्यटन स्थलों को नया स्वरूप देने की तैयारी शुरू हो गई है। इससे न केवल तीर्थयात्रियों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी बल्कि चंबा, डलहौजी और भरमौर जैसे ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विशेष पहचान भी मिलेगी।
उक्त जानकारी उपायुक्त मुकेश रेपसवाल ने जिला मुख्यालय चंबा में प्रसाद योजना को लेकर आयोजित एक समीक्षा बैठक में दी।
तीर्थ स्थलों को मिलेगा आधुनिक स्वरूप
बैठक में उपायुक्त ने कहा कि प्रसाद (Pilgrimage Rejuvenation and Spiritual Augmentation Drive) योजना भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय की एक प्रमुख पहल है, जिसका उद्देश्य देश के प्रमुख धार्मिक स्थलों पर सुनियोजित और सतत विकास सुनिश्चित करना है। इसके तहत केंद्र सरकार 100% वित्तीय सहायता के माध्यम से आधारभूत ढांचा, पर्यटक सुविधाएं, स्वच्छता, पहुंच मार्ग, रोशनी, पेयजल आदि क्षेत्रों में विकास कार्य करवाती है।
चंबा, डलहौजी और भरमौर से भेजे जाएंगे प्रस्ताव
उपायुक्त ने बताया कि चंबा जिले में चंबा, डलहौजी और भरमौर क्षेत्र से कई विकासात्मक परियोजनाएं प्रसाद योजना के तहत केंद्र को भेजी जाएंगी। इन परियोजनाओं में धार्मिक स्थलों के सौंदर्यीकरण, पार्किंग, प्रसाधन सुविधाएं, पर्यटक सूचना केंद्र और रास्तों के सुधार जैसे कार्य शामिल होंगे। यह पहल स्थानीय पर्यटन उद्योग को भी नई दिशा देने का काम करेगी।
धार्मिक पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
मुकेश रेपसवाल ने कहा कि इन विकास कार्यों से न केवल पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होगी, बल्कि स्थानीय लोगों को भी रोजगार के नए अवसर मिलेंगे। धार्मिक पर्यटन अब केवल श्रद्धा का नहीं बल्कि आर्थिक और सांस्कृतिक विकास का माध्यम बनता जा रहा है।
बैठक में शामिल अधिकारी
इस अवसर पर एसडीएम चंबा प्रियांशु खाती, जिला पर्यटन अधिकारी राजीव मिश्रा, जिला भाषा अधिकारी तुकेश कुमार, अधिशासी अभियंता दिनेश कुमार (लोक निर्माण विभाग), सहायक अभियंता दीपक कुमार (जल शक्ति विभाग) सहित अन्य विभागीय अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे।
क्या है प्रसाद योजना?
प्रसाद योजना 2014-15 में शुरू की गई थी। इसका उद्देश्य धार्मिक स्थलों पर विकास और संरक्षण करना है ताकि वे पर्यटन और सांस्कृतिक धरोहर के केंद्र बन सकें। काशी विश्वनाथ, केदारनाथ, अमृतसर जैसे स्थान पहले ही इस योजना के तहत विकसित किए जा चुके हैं।