शिक्षा बोर्ड अगर परीक्षा पत्र जांच करने में लापरवाही न बरतता तो श्रेया को भी वही मान सम्मान हासिल होता जो कविता को शिक्षा खंड में प्रथम स्थान हासिल करने पर मिला था.
उधर हि प्र स्कूल शिक्षा बोर्ड का कहना है कि मैरिट सूचि प्रथम परीक्षा परिणाम के तुरंत बाद ही तैयार हो जाती है नये परिणामों को उसमें शामिल नहीं किया जाता हालांकि प्रमाण पत्र नये अंक सूचि के अनुरूप ही मिलेंगे.
स्कूल के प्रधानाचार्य राजीव शर्मा ने कहा कि उन्हें गर्व है कि उनके स्कूल की छात्रा पूरे शिक्षा खंड में प्रथम रही है.जिसके लिए छात्नरा को सम्मानित किया जाएगा.उनके स्कूल के अन्य छात्र भी पुन: मूल्यांकन करवाना चाहते थे लेकिन अभिभावकों ने ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाई.गौरतलब है कि बीते वर्ष इस स्कूल के एक छात्र ने गणित के विषय में सौ मैं सौ अंक हासिल किए थे.
श्रेया के पिता मदन लाल कहते हैं कि यह तो मात्र एक ही विषय व एक ही परीक्षार्थी ने पुन:निरीक्षण करवाया है,तब इतने अधिक अंकों के अंतर की गड़बड़ी पाई गई है.अगर अन्य छात्र छात्राएं भी अपने परीक्षा पत्र की दोबारा से मूल्यांकन करवाएं तो इसमें बड़े स्तर पर लापरवाही सामने आ सकती है.उन्होंने कहा कि यह बोर्ड की ऐसी लापरवाही बच्चों की मेहनत को ही नहीं बल्कि उनके मान सम्मान,व मनोबल को भी प्रभावित करती है.