महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में रहने वाले हिमाचल प्रदेश के लोगों ने एक नई सांस्कृतिक व धार्मिक संस्था ‘शिव शक्ति परिवार हिमाचल प्रदेश’ का विधिवत गठन कर लिया है। संस्था को एसोसिएशन ऑफ पर्सन्स (AOP) के रूप में पंजीकृत किया गया है। इस पहल का उद्देश्य हिमाचली संस्कृति और श्रद्धा को मुंबई में जीवित रखना और बढ़ावा देना है।
‘शिव नुआला’ आयोजन का संकल्प
संस्था का मुख्य उद्देश्य ‘शिव नुआला’ का भव्य आयोजन करना है, जो भगवान शिव को समर्पित एक पवित्र धार्मिक अनुष्ठान है। इसके माध्यम से श्रद्धालु कृतज्ञता प्रकट करते हैं और ईश्वरीय आशीर्वाद की कामना करते हैं। संस्था ने यह भी स्पष्ट किया है कि उसका मकसद धार्मिक और सांस्कृतिक मूल्यों का संरक्षण करते हुए समुदाय में एकता और भाईचारे को प्रोत्साहित करना है।
कार्यक्षम नेतृत्व टीम का गठन
संस्था ने अपने कार्यों के संचालन के लिए पदाधिकारियों की नियुक्ति की है।
- राजिंदर के. कपूर को संस्था का अध्यक्ष बनाया गया है।
- वीना सिप्पी को उपाध्यक्ष,
- संजय कपूर को सचिव,
- जोगराज कपूर को कोषाध्यक्ष,
- चोक्कस भारद्वाज को मुख्य संरक्षक,
- दुष्यंत पहल को सोशल मीडिया प्रभारी एवं संयोजक नियुक्त किया गया है।
सम्मानित सलाहकार मंडल का गठन
संस्था ने मार्गदर्शन के लिए एक विशिष्ट सलाहकार मंडल भी बनाया है, जिसमें शामिल हैं –
कैप्टन सोमराज, हुकम सिंह, अवतार सिंह, कमलेश कपूर, डॉ. रुपाली कपूर और लव कपूर। ये सभी विभिन्न क्षेत्रों में प्रतिष्ठित व्यक्तित्व हैं जो संस्था के धार्मिक और सांस्कृतिक प्रयासों में अपना सहयोग देंगे।
हिमाचली संस्कृति को महाराष्ट्र में विस्तार
संस्था के अध्यक्ष राजिंदर कपूर ने कहा कि ‘शिव शक्ति परिवार हिमाचल प्रदेश’ का गठन मुंबई में रहने वाले हिमाचलवासियों को एक साझा मंच देने की सोच के साथ हुआ है, ताकि वे ‘शिव नुआला’ जैसे धार्मिक आयोजनों के माध्यम से अपनी आस्था और सांस्कृतिक पहचान को साझा कर सकें।
उन्होंने कहा कि यह संस्था हिमाचली समुदाय और मुंबई की जनसांस्कृतिक विविधता के बीच एक सांस्कृतिक सेतु का कार्य करेगी।
समुदाय में एकता और सांस्कृतिक संरक्षण की पहल
संस्था के पदाधिकारियों ने एक संयुक्त बयान में कहा कि ‘शिव शक्ति परिवार हिमाचल प्रदेश’ आने वाले समय में विभिन्न धार्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करेगी, जिससे हिमाचली समुदाय के बीच आपसी जुड़ाव और परंपराओं का संरक्षण सुनिश्चित किया जा सके।