हिमाचल प्रदेश के ग्रामीण और दुर्गम क्षेत्रों में राशन वितरण में आ रही तकनीकी बाधाओं को दूर करने की दिशा में सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। प्रदेश के 5096 राशन डिपो को एक महीने के भीतर स्थायी इंटरनेट कनेक्टिविटी से जोड़ा जाएगा। यह निर्णय खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग द्वारा पॉस मशीनों के संचालन में लगातार आ रही सिग्नल समस्याओं को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।
✅ अब हर डिपो में मिलेगी स्थायी इंटरनेट सुविधा
विभाग के निदेशक राम कुमार गौतम के अनुसार, राशन वितरण में आ रही तकनीकी अड़चनों को दूर करने के लिए इंटरनेट सेवा प्रदान करने वाली कंपनियों से बातचीत शुरू कर दी गई है। शॉर्ट टर्म टेंडर प्रक्रिया के माध्यम से सेवा प्रदाता का चयन कर, एक महीने के भीतर सभी डिपो में इंटरनेट सुविधा सुनिश्चित की जाएगी।
📶 सिग्नल की समस्या बनी थी बाधा
अब तक अधिकतर डिपो संचालक अपने मोबाइल हॉटस्पॉट से पॉस मशीनें चला रहे थे, जिससे सिग्नल ना मिलने की स्थिति में घंटों तक उपभोक्ताओं को इंतजार करना पड़ता था। इससे हर माह की राशन वितरण प्रक्रिया प्रभावित हो रही थी।
🗣️ डिपो संचालकों की मांग हुई पूरी
डिपो संचालक संघ इस मुद्दे को कई बार सरकार के समक्ष उठा चुका था। उपाध्यक्ष हर्ष ओबराय ने बताया कि 2016 में पॉस मशीनें लगाई गई थीं और 2018 से पूर्ण रूप से ऑनलाइन प्रणाली लागू की गई थी। शुरूआती एक साल तक सेवा प्रदाता कंपनी रिचार्ज की सुविधा देती रही, लेकिन उसके बाद से डिपो संचालकों को खुद ही यह खर्च उठाना पड़ा, जबकि कंपनी सरकार से भुगतान ले रही थी।
⚙️ तकनीकी खराबी में भी मनमानी वसूली
डिपो संचालकों ने यह भी आरोप लगाया कि मशीनों में खराबी आने पर सेवा प्रदाता कंपनी अतिरिक्त शुल्क वसूल रही है, जिससे संचालकों पर आर्थिक बोझ बढ़ गया है।
🧾 हिमाचल में 19 लाख से अधिक राशन कार्ड धारक
प्रदेश में कुल 19,79,780 राशन कार्ड धारक हैं:
- गरीबी रेखा से ऊपर (APL): 11,52,003
- गरीबी रेखा से नीचे (BPL): 2,82,369
- एपीएच कार्ड धारक: 3,06,168
- अंत्योदय अन्न योजना (AAY): 1,66,774
- टैक्स पेयर परिवार: 72,445
कांगड़ा जिला में सबसे अधिक 4,74,325 राशन कार्ड धारक हैं, जबकि लाहौल-स्पीति में सबसे कम 8,340 कार्ड धारक हैं।
💬 विभागीय आश्वासन
राम कुमार गौतम, निदेशक खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग ने कहा:
“राशन डिपो को एक माह के भीतर स्थायी इंटरनेट कनेक्टिविटी दी जाएगी। इससे सिग्नल की समस्या का समाधान होगा और उपभोक्ताओं को कोई असुविधा नहीं होगी।”
यह पहल हिमाचल के डिजिटल ट्रांजैक्शन इकोसिस्टम को मजबूत करेगी और दूरदराज़ के क्षेत्रों में सुलभ व पारदर्शी राशन वितरण प्रणाली सुनिश्चित करेगी।