30 साल बाद भरमौर लौटीं नवोदय विद्यालय की पूर्व अध्यापिका, भरमौर-चंबा रोड की हालत देख रह गईं हैरान

30 साल बाद भरमौर लौटीं नवोदय विद्यालय की पूर्व अध्यापिका, भरमौर-चंबा रोड की हालत देख रह गईं हैरान

दय विद्यालय में 90 के दशक में कार्यरत रहीं पूर्व अध्यापिका जब 30 वर्ष बाद भरमौर लौटीं तो यहां की प्राकृतिक सुंदरता और ऐतिहासिक धरोहर को देखकर प्रसन्न हुईं, लेकिन भरमौर-चंबा सड़क मार्ग की खराब हालत देखकर वह हैरान रह गईं। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया ने इन तीन दशकों में तेज़ी से तरक्की की है, लेकिन भरमौर-चंबा रोड की स्थिति आज भी उतनी ही खराब है जितनी 90 के दशक में देखी थी।

भरमौर की सुंदरता से प्रभावित, सड़क व्यवस्था पर निराशा

पूर्व अध्यापिका ने कहा कि भरमौर देश की खूबसूरत और महत्वपूर्ण जगहों में से एक है, जहां 84 प्राचीन मंदिर और मणिमहेश जैसे धार्मिक स्थल मौजूद हैं। 84 मंदिरों का समूह भरमौर की सांस्कृतिक पहचान है, वहीं मणिमहेश झील हर साल लाखों श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करती है। उन्हें यह जानकर हैरानी हुई कि धार्मिक धरोहरों और भरमौर के अद्भुत प्राकृतिक सौंदर्य के बावजूद भरमौर के बुनियादी ढांचे में सुधार कैसे नहीं हुआ, जबकि देश और विदेश हर जगह बदलाव आ चुका है।

भरमौर-चंबा सड़क पर 30 साल बाद भी नहीं दिखा सुधार

पूर्व अध्यापिका ने बताया कि जब वह चंबा में कार्यरत थीं तो कई बार भरमौर आती थीं। तब भी भरमौर-चंबा रोड की हालत बहुत खराब थी और अब 30 साल बाद भी सड़क की स्थिति और भी बदतर हो गई है। उन्होंने कहा कि इन 30 वर्षों में उन्होंने देश और विदेश के विभिन्न हिस्सों का भ्रमण किया है और देखा है कि हर जगह अभूतपूर्व तरक्की हुई है। भारत में तो लगभग हर जगह हाईवे और फोर लेन सड़कें बन चुकी हैं। इसलिए वह आश्चर्यचकित हैं कि भरमौर-चंबा रोड अभी तक सुधार क्यों नहीं पाया है।

उन्होंने उम्मीद जताई कि अगली बार जब वह वापस आएंगी तो भरमौर की सड़कें बेहतर स्थिति में होंगी।