नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 26 निर्दोष पर्यटकों की हत्या के बाद देश भर में गम और गुस्से का माहौल है। इस भयावह हमले के खिलाफ अब देश के प्रमुख मुस्लिम संगठनों और धर्मगुरुओं ने भी मोर्चा खोल दिया है। ऑल इंडिया इमाम ऑर्गनाइजेशन के प्रमुख इमाम उमर अहमद इलियासी ने ऐलान किया है कि देश की 5.5 लाख मस्जिदों में इस शुक्रवार को आतंकवाद के खिलाफ कड़ा संदेश दिया जाएगा और पीड़ितों के लिए दुआ की जाएगी।
“धर्म के नाम पर आतंक, इस्लाम के खिलाफ”: इमाम उमर इलियासी
इमाम इलियासी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि “जो निर्दोषों की हत्या करता है, वह न इस्लाम का है और न इंसानियत का।” उन्होंने मांग की कि “भारत की ज़मीन पर किसी भी आतंकी को दफनाने की इजाज़त नहीं होनी चाहिए।” उनका कहना था कि यह हमला न केवल भारत के खिलाफ है बल्कि इस्लाम की मूल शिक्षाओं के भी खिलाफ है, जो शांति और भाईचारे की बात करता है।
जमीअत उलेमा-ए-हिंद और जमात-ए-इस्लामी ने भी जताया कड़ा विरोध
जमीअत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने हमले को “कायराना” और “मानवता के खिलाफ अपराध” करार दिया। उन्होंने कहा कि “ऐसे कृत्य इस्लाम की छवि को धूमिल करते हैं और समाज में नफरत फैलाते हैं।”
मदनी ने बताया कि स्थानीय कश्मीरी नागरिकों ने हमला होने के बाद घायल पर्यटकों को अपने निजी वाहनों से अस्पताल पहुंचाया, और इस दौरान किसी ने यह नहीं पूछा कि घायल हिंदू हैं या मुसलमान। उन्होंने कहा, “यह कश्मीरियत और भारतीयता का असली चेहरा है।”
जमात-ए-इस्लामी हिंद के अध्यक्ष सैयद सादतुल्लाह हुसैनी ने भी घटना की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि “इस बर्बर हमले के लिए कोई तर्क नहीं हो सकता। यह इंसानियत और नैतिकता दोनों के खिलाफ है।” उन्होंने पीड़ितों को न्याय दिलाने और आतंकियों को कड़ी सजा देने की मांग की।
शांति, भाईचारे और न्याय की अपील
मुस्लिम संगठनों ने मीडिया और समाज से एकतरफा और भड़काऊ रिपोर्टिंग से बचने की अपील की। मौलाना मदनी ने कहा, “यह समय घावों को कुरेदने का नहीं, बल्कि उन्हें भरने का है। हमें मिलकर आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता दिखानी चाहिए।”
मस्जिदों में दिया जाएगा आतंक के खिलाफ संदेश
इमाम इलियासी ने कहा कि इस शुक्रवार को देशभर की मस्जिदों में जुमे की नमाज से पहले आतंकवाद के खिलाफ स्पष्ट संदेश दिया जाएगा। हर मस्जिद में ‘खुतबा’ (धार्मिक प्रवचन) के माध्यम से यह बताया जाएगा कि “आतंकवाद इस्लाम नहीं, बल्कि इस्लाम का सबसे बड़ा दुश्मन है।”
यह संदेश न केवल भारत के मुस्लिम समाज की आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति को दर्शाता है, बल्कि यह भी स्पष्ट करता है कि भारत का मुसलमान आतंक के खिलाफ खड़ा है, न कि उसके साथ।