भरमौर में NHAI की नाकामी: सरकारी भूमि पर अवैध कब्जे, तंग सड़कें बनीं जानलेवा, मणिमहेश यात्रा पर संकट

भरमौर में NHAI की नाकामी: सरकारी भूमि पर अवैध कब्जे, तंग सड़कें बनीं जानलेवा, मणिमहेश यात्रा पर संकट

भरमौर (चंबा), हिमाचल प्रदेश: हिमाचल प्रदेश के भरमौर उपमंडल में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) और स्थानीय प्रशासन की लचर कार्यप्रणाली के कारण सरकारी भूमि पर अवैध कब्जे, संकरी और जर्जर सड़कें, और बढ़ता ट्रैफिक जाम आम जनजीवन के लिए खतरा बनते जा रहे हैं।

खासतौर पर हर साल लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र मणिमहेश यात्रा अब बुनियादी ढांचे की कमी और अव्यवस्थाओं के कारण संकट में घिरती जा रही है।

🚧 अवैध कब्जे: सरकारी जमीन पर बन रहे पक्के भवन

भरमौर पठानकोट राष्ट्रीय राजमार्ग पर एनएचएआई की अधिग्रहित भूमि पर लोगों ने पक्के भवन बना लिए हैं, और न तो प्रशासन और न ही NHAI द्वारा कोई निगरानी या सड़क चौड़ीकरण की पहल की गई है। स्थानीय लोगों के अनुसार, वे वर्षों से सड़क चौड़ीकरण की मांग कर रहे हैं, लेकिन हर बार केवल आश्वासन ही मिला है।

स्थिति यह हो चुकी है कि अब सड़कों पर दो छोटे वाहन भी साथ-साथ नहीं गुजर सकते। अतिक्रमण की वजह से आम लोगों को रोजाना ट्रैफिक जाम से जूझना पड़ता है।

🚑 सड़कें संकरी, आपातकाल में जान जोखिम में

संकरी सड़कों का सबसे अधिक असर आपातकालीन सेवाओं पर पड़ा है। एम्बुलेंस, फायर ब्रिगेड और स्कूल बसों के लिए रास्ता मिलना मुश्किल हो गया है। सामाजिक संगठनों का कहना है कि यह केवल ट्रैफिक का नहीं, बल्कि जनसुरक्षा का गंभीर संकट बन चुका है।

🙏 मणिमहेश यात्रा पर संकट के बादल

हर साल सावन और भादों के महीनों में जब मणिमहेश यात्रा शुरू होती है, भरमौर में अव्यवस्था, ट्रैफिक जाम और भीड़ प्रबंधन की समस्याएं चरम पर पहुंच जाती हैं। श्रद्धालुओं को घंटों जाम में फंसे रहना पड़ता है, और कई बार वाहन छोड़कर पैदल चलने की मजबूर होना पड़ता है। महिलाएं, बुजुर्ग और छोटे बच्चे सबसे अधिक परेशान होते हैं।

बीते वर्षों में यह स्थिति हर यात्रा सीजन में दोहराई जाती रही है, लेकिन कोई स्थायी समाधान नहीं निकाला गया है। मणिमहेश यात्रा की लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है, जिससे अनुमान लगाया जा रहा है कि आगामी वर्षों में यह समस्या और विकराल रूप ले सकती है। यदि समय रहते बुनियादी ढांचागत सुधार नहीं किए गए, तो यह धार्मिक आयोजन अव्यवस्था और असुविधा का प्रतीक बन सकता है।

🔥 प्रशासन से नाराज़गी

प्रशासन और एनएचएआई की अनदेखी लगातार स्थिति को बिगाड़ रही है। दोनों ही संस्थाएं इस गंभीर समस्या से भलीभांति परिचित होने के बावजूद कोई ठोस कदम नहीं उठा रही हैं। सड़क निर्माण कार्यों की धीमी गति और अधिग्रहित भूमि पर नियंत्रण स्थापित करने में नाकामी ने हालात को और जटिल बना दिया है। समय पर कार्यवाही न होने के कारण स्थानीय जनता को बार-बार वही समस्याएं झेलनी पड़ रही हैं, जिससे क्षेत्र में असंतोष और नाराजगी लगातार बढ़ रही है।

⚠️ राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी से करेंगे शिकायत

स्थानीय लोग अब इस निरंतर उपेक्षा और धीमी कार्यप्रणाली से क्षुब्ध होकर केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी तक अपनी शिकायत पहुंचाने पर विचार कर रहे हैं। क्षेत्रवासियों का मानना है कि जब प्रशासन और एनएचएआई की अनदेखी लगातार स्थिति को बिगाड़ रही है, तो केंद्र सरकार को इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए। कई लोगों ने इस दिशा में एक संयुक्त ज्ञापन तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, ताकि भरमौर क्षेत्र की समस्याओं को राष्ट्रीय मंच पर उठाया जा सके।