अध्यापकों के जुगाड़ के आगे बेबस युक्तिकरण !

चम्बा-:यह कैसा युक्ति करण ?,जरूरतमंद स्कूलों में नहीं भेजे गए अध्यापक.

प्रदेश सरकार के आदेश के बाद प्रारम्भिक शिक्षा उप निदेशक चम्बा ने जिला में इक्यावन सरप्लस संख्या वाले शिक्षकों को आवश्यकता वाले स्कूलों में भेजने के आदेश जारी कर दिए.लेकिन आदेशों में जारी स्कूलों व शिक्षकों की सूचि देख कर यूं लगा मानो यह सूचि जल्दबाजी में बिना ज्यादा पड़ताल किए हुए जारी की गई हो.प्रारम्भिक शिक्षा खंड भरमौर में युक्ति करण के तहत दो अध्यापकों का तबादला किया गया है.प्रारम्भिक पाठशाला मेहतर जहां नौ बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं उस स्कूल में और अध्यापक तैनात कर दिया गया है जबकि पैंतालीस से अधिक बच्चों वाला बड़ग्राम स्कूल मात्र एसएमसी अध्यापक के सहारे चल रहा है.जबकि उक्त स्कूल में दो जेबीटी व एक केंद्रीय मुख्य अध्यापक के स्वीकृत पद खाली चल रहे हैं.इस स्कूल में खाली पदों को भरने की मांग स्थानीय पंचायत के प्रधान काहन सिंह कपूर भी कई बार उठा चुके हैं.

वहीं दूसरी ओर कन्या प्रारम्भिक पाठशाला भरमौर में उन्नीस छात्राओं के लिए चार अध्यापक तैनात हैं.जिस कारण नियमानुसार यहां दो अध्यापक सर प्लस हैं.लेकिन उपशिक्षा निदेशालय ने यहां से किसी अध्यापक को युक्ति करण के तहत जरूरत वाले स्कूल में तैनात नहीं किया.

इस संदर्भ में विभागीय पक्ष जानने के लिए उप शिक्षा निदेशक संजीव पुरी से संपर्क किया गया तो उन्होंने मोबाईल फोन बंद कर दिया.तदोपरांत खंड प्रारम्भिक शिक्षा अधिकारी अर्जुन सिंह ने कहा कि उनके कार्यालय से सभी स्कूलों के खाली व सर प्लस पदों की सूचि उप शिक्षा ने दशक कार्यालय भेजी गई थी.उन्होंने विभाग का बचाव करके हुए कहा कि आगामी सूचि में बड़ग्रां स्कूल के खाली पदों पर भी सरप्लस अध्यापकों को तैनात कर दिया जाएगा.उन्होंने कहा कि कुछ अध्यापक तबादला आदेशों पर स्टे लिए बैठे हैं जिस कारण उन्हें सर प्लस की गिनती में नहीं लिया गया है.