हिमाचल में सरकारी स्कूलों के शिक्षकों के लिए ड्रेस कोड, लेकिन प्राइवेट स्कूलों पर कोई नियम नहीं

हिमाचल में सरकारी स्कूलों के शिक्षकों के लिए ड्रेस कोड, लेकिन प्राइवेट स्कूलों पर कोई नियम नहीं

प्राइवेट स्कूलों में शिक्षक अपनी मर्जी से पहन सकते हैं कोई भी ड्रेस, अभिभावकों ने उठाए सवाल

शिमला, 31 मार्च – हिमाचल प्रदेश सरकार ने सरकारी स्कूलों के शिक्षकों के लिए ड्रेस कोड लागू कर दिया है, लेकिन प्राइवेट स्कूलों के शिक्षकों पर कोई पाबंदी नहीं लगाई गई है। इस फैसले के बाद लोगों ने सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं कि जब सरकारी स्कूलों में ड्रेस कोड अनिवार्य है, तो निजी स्कूलों में यह नियम क्यों नहीं लागू किया गया?

प्राइवेट स्कूलों के शिक्षकों पर सरकार क्यों सख्त नहीं?

हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में अब शिक्षकों को गरिमापूर्ण और सभ्य वेशभूषा में स्कूल आने के निर्देश दिए गए हैंशिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया कि यह कदम विद्यार्थियों पर सकारात्मक प्रभाव डालने के उद्देश्य से उठाया गया है।

लेकिन निजी स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों के लिए कोई ड्रेस कोड लागू नहीं किया गया है, जिससे अभिभावकों और शिक्षाविदों के बीच असंतोष देखा जा रहा है। उनका कहना है कि अगर सरकारी स्कूलों में ड्रेस कोड जरूरी है, तो प्राइवेट स्कूलों में भी यह नियम लागू होना चाहिए।

लोगों का क्या कहना है?

शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों और अभिभावकों का मानना है कि प्राइवेट स्कूलों में भी ड्रेस कोड लागू किया जाना चाहिए, ताकि शिक्षकों की पहचान स्पष्ट हो और एक समानता बनी रहे

शिमला के एक अभिभावक ने कहा, “सरकारी स्कूलों में तो ड्रेस कोड लागू कर दिया गया, लेकिन प्राइवेट स्कूलों में शिक्षक अपने मन मुताबिक कपड़े पहन सकते हैं। क्या प्राइवेट स्कूलों के शिक्षक अनुशासन से ऊपर हैं?”

धर्मशाला के एक अन्य अभिभावक ने कहा, “अगर छात्रों के लिए स्कूलों में ड्रेस कोड जरूरी है, तो शिक्षकों के लिए भी यह नियम सरकारी और निजी दोनों स्कूलों में लागू होना चाहिए।”

टीचर्स यूनियन की मांग – प्राइवेट स्कूलों में भी लागू हो ड्रेस कोड

हिमाचल प्रदेश शिक्षक संघ के एक वरिष्ठ प्रतिनिधि ने कहा कि अगर शिक्षकों की गरिमा बनाए रखने के लिए सरकारी स्कूलों में ड्रेस कोड लागू किया गया है, तो यह नियम प्राइवेट स्कूलों में भी लागू होना चाहिए

उन्होंने कहा, “सरकारी स्कूलों में शिक्षकों को ड्रेस कोड का पालन करना होगा, लेकिन निजी स्कूलों में इस पर कोई रोक-टोक नहीं है। इससे भेदभाव की स्थिति पैदा होती है। सरकार को इस विषय पर ध्यान देना चाहिए।”

शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर का क्या कहना है?

शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने इस विषय पर बयान देते हुए कहा कि सरकार ने शिक्षकों के लिए गरिमापूर्ण वेशभूषा को बढ़ावा देने के लिए यह निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि फिलहाल, प्राइवेट स्कूलों के लिए कोई ड्रेस कोड अनिवार्य नहीं किया गया है

हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि हमीरपुर जिले के एक सरकारी स्कूल ने अपने स्तर पर शिक्षकों के लिए ड्रेस कोड लागू किया है, लेकिन इसे पूरे राज्य में सख्ती से लागू करने की योजना नहीं है

क्या सरकार प्राइवेट स्कूलों के लिए भी ड्रेस कोड लागू करेगी?

सरकार की ओर से अभी निजी स्कूलों में ड्रेस कोड लागू करने को लेकर कोई बयान नहीं आया है। लेकिन जिस तरह से अभिभावक और शिक्षक संघ इस मुद्दे को उठा रहे हैं, उससे संभावना है कि आने वाले समय में सरकार को इस पर विचार करना पड़ सकता है

फिलहाल, निजी स्कूलों में शिक्षक अपनी मर्जी के अनुसार कपड़े पहन सकते हैं, लेकिन सवाल यह है कि क्या यह नियम सरकारी और प्राइवेट दोनों स्कूलों में समान रूप से लागू नहीं होना चाहिए?