भारत में इलेक्ट्रिक बसों की लागत कम करने और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है। [Exponent Energy] ने देश की पहली 1MW रैपिड चार्जिंग टेक्नोलॉजी लॉन्च करने की घोषणा की है, जो इलेक्ट्रिक बसों के पूंजीगत खर्च (Capital Cost) को 30-40% तक घटाने में मदद करेगी।
कैसे काम करेगी 1MW रैपिड चार्जिंग टेक्नोलॉजी?
Exponent Energy की यह नई चार्जिंग टेक्नोलॉजी सिर्फ 15 मिनट में बस की बैटरी को पूरी तरह चार्ज कर देगी, जिससे चार्जिंग के लिए बसों को लंबे समय तक रोकने की जरूरत नहीं पड़ेगी। अब तक इलेक्ट्रिक बसों को 400 किलोमीटर तक की रेंज के लिए बड़ी बैटरियों की जरूरत होती थी, लेकिन Exponent की तकनीक से छोटी बैटरियों के साथ भी 250 किमी की रेंज संभव होगी, जिससे वाहन की कुल लागत में भारी कमी आएगी।
👉 बैटरी साइज़ छोटा होगा – पहले 400 किमी रेंज के लिए बड़ी बैटरियों की जरूरत थी, लेकिन अब 250 किमी के लिए हल्की बैटरियां ही पर्याप्त होंगी।
👉 तेज़ चार्जिंग, कम डाउनटाइम – सिर्फ 15 मिनट में फुल चार्ज, जिससे बसों को चार्जिंग के लिए ज्यादा देर तक रुकने की जरूरत नहीं होगी।
👉 केवल Exponent-इनेबल्ड बसों के लिए – यह टेक्नोलॉजी सिर्फ उन्हीं बसों के साथ काम करेगी जिनमें Exponent का सिस्टम लगाया गया होगा।
Veera Vahana के साथ साझेदारी, जल्द शुरू होगी बस सेवा
Exponent Energy ने अगस्त 2024 में भारतीय बस निर्माता Veera Vahana के साथ साझेदारी की थी, जिसके तहत Veera Mahasamrat EV नामक पहली इंटरसिटी इलेक्ट्रिक बस को पेश किया गया। अब इस बस को 1MW चार्जिंग तकनीक के साथ जल्द ही सड़कों पर उतारा जाएगा।
इन शहरों में उपलब्ध होगी चार्जिंग टेक्नोलॉजी
Exponent Energy ने अपने चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को तेजी से बढ़ाते हुए दिल्ली-एनसीआर, चेन्नई, अहमदाबाद, कोलकाता और हैदराबाद में अपनी सेवाएं शुरू कर दी हैं। अब तक कंपनी के चार्जिंग नेटवर्क का उपयोग करते हुए 1,700 से अधिक इलेक्ट्रिक वाहनों ने 3.5 लाख से ज्यादा चार्जिंग सेशन्स पूरे कर लिए हैं।
इलेक्ट्रिक बसों के सस्ते होने से किराए में होगी कमी
Exponent Energy का कहना है कि उनकी इस तकनीक से इलेक्ट्रिक बसों की शुरुआती लागत (Upfront Cost) में भारी कमी आएगी, जिससे इनकी परिचालन लागत भी घटेगी। इसके चलते यात्रियों के लिए किराया भी कम हो सकता है।
Exponent Energy के CEO और को-फाउंडर अरुण विनायक ने कहा,
“हमारी 1MW चार्जिंग टेक्नोलॉजी स्टैंडर्ड लिथियम-आयन सेल्स पर आधारित है, जिससे यह अधिक किफायती और स्केलेबल बनती है। हमारा लक्ष्य EV टेक्नोलॉजी में भारत को आत्मनिर्भर बनाना है।”
Aarin Capital Partners के चेयरमैन मोहनदास पाई ने भी इस टेक्नोलॉजी की सराहना करते हुए कहा,
“तेज़ चार्जिंग की क्षमता और छोटे बैटरी पैक से इलेक्ट्रिक बसों का वजन और लागत दोनों घटेगी। इससे परिचालन कुशलता बढ़ेगी और इलेक्ट्रिक बसें डीज़ल बसों की तुलना में और भी सस्ती हो जाएंगी।”
BYD के मुकाबले भारत आगे, Exponent की तकनीक पहले से ऑपरेशनल
हाल ही में चीन की EV दिग्गज कंपनी BYD ने कारों के लिए 1MW चार्जिंग सिस्टम पेश किया था, जिससे दुनियाभर में हलचल मच गई थी। लेकिन Exponent Energy के अनुसार, भारत में उनकी यह तकनीक पहले ही लागू हो चुकी है और इसे बड़े पैमाने पर उपयोग किया जा रहा है।
Exponent Energy का EV इकोसिस्टम और फंडिंग
Exponent Energy की स्थापना 2020 में Ather Energy के पूर्व अधिकारियों अरुण विनायक और संजय बल्याल ने की थी। कंपनी ने एक संपूर्ण चार्जिंग इकोसिस्टम विकसित किया है, जिसमें बैटरी पैक, चार्जिंग स्टेशन और चार्जिंग कनेक्टर शामिल हैं।
👉 15 मिनट में चार्जिंग और 3,000 चार्जिंग साइकिल की गारंटी
👉 अब तक $44.6 मिलियन की फंडिंग जुटा चुकी है
👉 इन प्रमुख निवेशकों से फंडिंग मिली – Lightspeed, Eight Roads Ventures, YourNest VC, 3one4 Capital, AdvantEdge VC और Pawan Munjal (Hero MotoCorp के चेयरमैन) का फैमिली ऑफिस
क्या यह तकनीक भारत में इलेक्ट्रिक बसों की तस्वीर बदलेगी?
Exponent Energy की यह क्रांतिकारी चार्जिंग तकनीक भारत में इलेक्ट्रिक बसों की लागत कम कर सकती है, चार्जिंग समय घटा सकती है और परिचालन को अधिक कुशल बना सकती है। यदि इसे बड़े पैमाने पर अपनाया जाता है, तो यह डीजल बसों की तुलना में अधिक सस्ता और व्यावहारिक विकल्प बन सकती है।