शिमला: हिमाचल प्रदेश सरकार के उच्च शिक्षा विभाग ने शिक्षकों के तबादलों को लेकर नई गाइडलाइन जारी की है। यह आदेश 29 जनवरी 2025 को शिक्षा मंत्री की अध्यक्षता में हुई विभागीय समीक्षा बैठक के दौरान लिए गए निर्णयों के आधार पर जारी किया गया है। सरकार ने विशेष रूप से जनजातीय क्षेत्रों में कार्यरत शिक्षकों के ट्रांसफर को लेकर सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
जनजातीय क्षेत्रों से स्थानांतरण के लिए आवेदन अनिवार्य
सरकार ने निर्णय लिया है कि जो शिक्षक जनजातीय क्षेत्रों में अपनी निर्धारित सेवा अवधि पूरी कर चुके हैं, उन्हें स्थानांतरण के लिए आवेदन करना अनिवार्य होगा।
- इन शिक्षकों को 15 मार्च 2025 तक पांच पसंदीदा स्थानों का विकल्प देते हुए अपने आवेदन निदेशक, उच्च शिक्षा (DHE) या निदेशक, प्राथमिक शिक्षा (DEE) को भेजना होगा।
- इन सभी प्रस्तावों की जांच के बाद 20 मार्च 2025 तक सरकार को अंतिम अनुमोदन के लिए भेजा जाएगा।
- स्वीकृति मिलने के बाद ही तबादलों की प्रक्रिया शुरू होगी।
तबादलों की तिथियां निर्धारित
शिक्षा विभाग ने स्थानांतरण प्रक्रिया के लिए समय-सीमा भी तय कर दी है।
- स्कूल कैडर में स्थानांतरण 1 अप्रैल 2025 से 30 अप्रैल 2025 के बीच किया जाएगा।
- कॉलेज कैडर के लिए यह प्रक्रिया 1 मई 2025 से 15 मई 2025 तक चलेगी।
सामान्य क्षेत्रों में भी तबादलों पर विचार
सरकार ने स्पष्ट किया है कि सामान्य क्षेत्रों में कार्यरत ऐसे शिक्षक, जिन्होंने तीन वर्ष की सेवा पूरी कर ली है, उनके ट्रांसफर पर भी विचार किया जाएगा। हालांकि, आपसी (Mutual) ट्रांसफर की अनुमति नहीं दी जाएगी।
सरकार ने दिए आवश्यक निर्देश
सरकार ने निर्देश दिया है कि संबंधित अधिकारियों को तत्काल आवश्यक आदेश जारी करने होंगे, ताकि शिक्षकों के स्थानांतरण की प्रक्रिया सुचारू रूप से पूरी की जा सके। शिक्षा विभाग के अतिरिक्त सचिव निशांत ठाकुर ने इस संबंध में औपचारिक आदेश जारी कर दिए हैं।
शिक्षकों में आदेश को लेकर प्रतिक्रिया
सरकार के इस फैसले के बाद शिक्षकों में मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। कुछ शिक्षक इसे पारदर्शी व्यवस्था मान रहे हैं, जबकि कुछ इसे स्थानांतरण पर अतिरिक्त नियमों की बंदिश के रूप में देख रहे हैं।
लंबे समय से थी नीति की मांग
हिमाचल प्रदेश में लंबे समय से शिक्षकों के तबादलों को लेकर स्पष्ट नीति की मांग की जा रही थी। अब सरकार ने यह कदम उठाकर शिक्षकों के ट्रांसफर को सुचारू और पारदर्शी बनाने की दिशा में अहम निर्णय लिया है।
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