चंबा, हिमाचल प्रदेश: हिमाचल की महिला पत्रकार आंचल मोंगिया की संघर्षपूर्ण यात्रा अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सराही जा रही है। चंबा जिले के एक छोटे से गांव सराहन से निकलकर पत्रकारिता में अपनी अलग पहचान बनाने वाली आंचल मोंगिया की प्रेरणादायक कहानी लंदन की एक प्रतिष्ठित मैगज़ीन में प्रकाशित हुई है।
गांव की लड़की से अंतरराष्ट्रीय पहचान तक का सफर
मैगज़ीन में बताया गया है कि कैसे एक साधारण ग्रामीण पृष्ठभूमि से आने वाली लड़की समाज की रूढ़ियों को तोड़ते हुए खुद को साबित करती है और लोगों की आवाज बनती है। आंचल मोंगिया ने स्थानीय बोली में डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म “हिम आँचल न्यूज” के जरिए हिमाचल की जनता के मुद्दों को प्रमुखता से उठाया और पत्रकारिता में अपनी पहचान बनाई।
पहली पीढ़ी की कॉलेज स्टूडेंट बनीं रोल मॉडल
आंचल मोंगिया अपने गांव की पहली लड़की थीं, जिन्होंने कॉलेज तक शिक्षा प्राप्त की।
- शिक्षा: गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल साहू से 12वीं, पीजी कॉलेज चंबा से ग्रेजुएशन और पीजीडीसीए।
- प्रेरणा: उनकी उपलब्धियों ने गांव की अन्य लड़कियों को भी कॉलेज जाने के लिए प्रेरित किया।
अनुशासन और संघर्ष से बनीं सशक्त पत्रकार
बचपन में टीवी न्यूज एंकर देखकर उनके अंदर पत्रकारिता का जुनून पैदा हुआ। हालांकि, समाज में यह धारणा थी कि “लड़कियां पत्रकार नहीं बन सकतीं”, लेकिन आंचल ने इन रूढ़ियों को तोड़ते हुए पत्रकारिता में प्रवेश किया।
उन्होंने बताया कि पत्रकारिता में हर दिन नया सीखने को मिलता है और यह क्षेत्र लड़कियों के लिए भी उतना ही महत्वपूर्ण है जितना पुरुषों के लिए।
ग्रामीण जनता की आवाज बनीं आंचल
🔹 अब तक 150 से अधिक इंटरव्यू कर चुकी हैं, जिनमें जानी-मानी हस्तियों से लेकर आम ग्रामीणों तक शामिल हैं।
🔹 महिलाओं और पिछड़े वर्ग की समस्याओं को प्रमुखता से उठाया, जिससे प्रशासन और सरकार तक उनकी आवाज पहुंची।
🔹 ग्रामीण संस्कृति और लोक कला के संरक्षण में भी अहम भूमिका निभा रही हैं।
राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित पत्रकार
आंचल मोंगिया को उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए कई प्रतिष्ठित पुरस्कार मिले:
🏆 2025 – बिटिया फाउंडेशन ने नेशनल एक्सीलेंस अवार्ड दिया।
🏆 2024 – एक राष्ट्रीय संस्था ने नेशनल अवार्ड से सम्मानित किया।
🏆 2021-22 – कांगड़ा की एक संस्था द्वारा डायमंड अवार्ड से नवाजा गया।
लड़कियों के लिए संदेश: “संघर्ष करो, आगे बढ़ो”
आंचल मोंगिया कहती हैं,
“लड़कियों को यह नहीं सोचना चाहिए कि वे कुछ नहीं कर सकतीं। अपनी काबिलियत पर भरोसा करें, लक्ष्य निर्धारित करें और समाज की नकारात्मक बातों की परवाह किए बिना आगे बढ़ें।”
हिमाचल के लिए गर्व का क्षण
आंचल मोंगिया की कहानी हर उस लड़की के लिए प्रेरणा है जो समाज की बेड़ियों को तोड़कर अपने सपनों को साकार करना चाहती है।