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भरमौर के शिव भूमि सेवा दल सहित गद्दी समुदाय सदस्यों ने प्रयागराज महाकुंभ में लगाई आस्था की डुबकी, गद्दी संस्कृति की झलक भी पेश की

भरमौर: हिमाचल प्रदेश के भरमौर स्थित शिव भूमि सेवा दल और गद्दी समुदाय सदस्यों की लगभग 50 सदस्यीय टीम ने प्रयागराज महाकुंभ 2025 में भाग लिया और संगम में आस्था की डुबकी लगाई। यह दल अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम के सौजन्य से महाकुंभ में पहुंचा था, जहां इन्होंने गद्दी संस्कृति का विशेष कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया।

हर-हर महादेव के जयघोष से गूंजा महाकुंभ

प्रयागराज के संगम तट पर हिमाचल से पहुंचे श्रद्धालुओं ने हर-हर महादेव के जयघोष के साथ पवित्र स्नान किया। मान्यता है कि महाकुंभ में स्नान करने से जीवन के समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है। शिव भूमि सेवा दल के सदस्यों ने हिमाचली टोपी, गद्दी परिधान और पारंपरिक अंदाज में महाकुंभ में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई, जिससे हिमाचली संस्कृति की अनूठी झलक देखने को मिली।

महाकुंभ में हिमाचली गद्दी संस्कृति की शानदार प्रस्तुति, भव्य संगम स्नान और आध्यात्मिक अनुष्ठान

भरमौर के इस दल ने महाकुंभ में विशेष रूप से गद्दी नृत्य और पारंपरिक भजन-कीर्तन प्रस्तुत किए। दल के सदस्यों ने गद्दी समुदाय के रीति-रिवाजों, देवी-देवताओं की आराधना और हिमालयी परंपराओं से जुड़े गीतों और लोकनृत्य के माध्यम से अपनी समृद्ध संस्कृति का प्रदर्शन किया।

महाकुंभ में स्नान के दौरान शनि देव मंदिर, भरमौर के पुजारी सुमन पंडित ने कहा,
“प्रयागराज महाकुंभ में हिमाचली गद्दी समुदाय की भागीदारी गर्व की बात है। यहां आकर हमें आध्यात्मिक ऊर्जा की अनुभूति होती है। हमने संगम स्नान कर संपूर्ण गद्दी समाज और हिमाचल प्रदेश के सुख-समृद्धि के लिए प्रार्थना की।”

इस महाकुंभ यात्रा में शिव भूमि सेवा दल और गद्दी समुदाय के कई प्रमुख सदस्यों ने भाग लिया, जिनमें सुमन पंडित, भारती शर्मा, सुधीर शर्मा, संजय कुमार, डॉ. केहर सिंह, चुनी लाल, संजीव कुमार, श्यामा शर्मा, नीलम देवी, बली राम, सुरेखा देवी, मनोरमा देवी, जय करण, आशा देवी, गणेश शर्मा, शिव कुमार, ओम प्रकाश और अमित कपूर शामिल रहे।

डॉ. केहर सिंह ने कहा,
“हिमाचली संस्कृति और गद्दी समुदाय की पहचान केवल पहाड़ों तक सीमित नहीं रहनी चाहिए। ऐसे भव्य आयोजनों में भाग लेकर हम अपनी परंपराओं को संपूर्ण भारत के सामने रख सकते हैं। हमारे समुदाय की यह ऐतिहासिक भागीदारी आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनेगी।”

शिव भूमि सेवा दल के अध्यक्ष ने कहा कि हिमाचल के पहाड़ी इलाकों में गद्दी समुदाय की संस्कृति, भक्ति और साधना का विशेष महत्व है। “हमने प्रयागराज महाकुंभ में न केवल आस्था की डुबकी लगाई, बल्कि हिमाचली परंपराओं का प्रचार-प्रसार भी किया।”

शिव भूमि सेवा दल के सदस्य सुधीर शर्मा ने कहा,
“हमारे लिए यह सौभाग्य की बात है कि हम इस पवित्र अवसर पर हिमाचल प्रदेश का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। हमने गद्दी समुदाय के पारंपरिक रीति-रिवाजों को लोगों तक पहुंचाने के लिए विशेष प्रदर्शन किए।”

अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम के सौजन्य से यात्रा संभव हुई

इस धार्मिक यात्रा का आयोजन अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम के सहयोग से हुआ। इस संगठन का उद्देश्य देश के वनवासी और पहाड़ी समुदायों की संस्कृति, परंपरा और धार्मिक आस्थाओं का संरक्षण करना है।

महाकुंभ 2025: करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र

प्रयागराज महाकुंभ 2025 में देश-विदेश से करोड़ों श्रद्धालु संगम तट पर पुण्य स्नान कर रहे हैं। यह महाकुंभ विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन है, जिसमें सनातन संस्कृति और विभिन्न भारतीय परंपराओं की झलक देखने को मिलती है।

शिव भूमि सेवा दल की इस यात्रा के मुख्य उद्देश्य:

स्थानीय लोगों और धार्मिक संगठनों की सराहना

शिव भूमि सेवा दल की इस धार्मिक यात्रा को लेकर स्थानीय लोगों और धार्मिक संगठनों ने सराहना की। उनका कहना है कि ऐसे आयोजनों से हिमाचल की लोक संस्कृति, रीति-रिवाज और आध्यात्मिक परंपराएं देशभर में पहचान बना रही हैं।

➡️ इस ऐतिहासिक यात्रा में हिमाचल की गद्दी संस्कृति ने महाकुंभ में अपनी खास छाप छोड़ी, जिससे प्रदेश की धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत को नई पहचान मिली।

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