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लगातार 3 लोकसभा चुनावों में चारों सांसद देने के बावजूद हिमाचल की रेलवे विस्तार में फिर अनदेखी, जनता निराश

लगातार 3 लोकसभा चुनावों में चारों सांसद देने के बावजूद हिमाचल की रेलवे विस्तार में फिर अनदेखी, जनता निराश

हिमाचल प्रदेश को रेलवे नेटवर्क के विस्तार की लंबे समय से आवश्यकता है, लेकिन 2025-26 के केंद्रीय बजट में एक बार फिर प्रदेश को पूरी तरह नजरअंदाज कर दिया गया। यह प्रदेश की जनता के लिए बेहद निराशाजनक है, क्योंकि लगातार तीन लोकसभा चुनावों—2014, 2019 और 2024 में हिमाचल की देशभक्त जनता ने भाजपा को चारों सीटों पर जीत दिलाकर केंद्र सरकार को अपना पूरा समर्थन दिया। बावजूद इसके, मोदी 3.0 सरकार ने हिमाचल के रेलवे विकास को प्राथमिकता नहीं दी

सांसदों ने हिमाचल के रेलवे विस्तार की मांग की थी

हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा से सांसद डॉ. राजीव भारद्वाज और मंडी से सांसद कंगना रनौत ने संसद में प्रदेश में रेलवे नेटवर्क के विस्तार की मांग को पुरजोर तरीके से उठाया था। उन्होंने निम्नलिखित प्रमुख रेल परियोजनाओं को प्राथमिकता देने की अपील की थी:

1. शक्तिपीठों को वंदे भारत ट्रेन से जोड़ने की मांग

2. डलहौजी और चंबा को रेलवे नेटवर्क में शामिल करने की मांग

3. पठानकोट-जोगिंदरनगर रेलवे लाइन को ब्रॉड गेज में बदलने की अपील

4. मंडी क्षेत्र के लिए रेलवे कनेक्टिविटी की मांग

5. कांगड़ा घाटी रेलवे को ब्रॉड गेज में बदलने की मांग


रेलवे विस्तार से हिमाचल को क्या लाभ होता?

1. औद्योगिक विकास

2. पर्यटन को बढ़ावा

3. व्यापार और परिवहन में सुधार


भाजपा को चारों सीटें जिताने के बावजूद हिमाचल को अनदेखा क्यों किया गया?

हिमाचल प्रदेश की जनता ने लगातार तीन लोकसभा चुनावों में—2014, 2019 और 2024 में भाजपा को चारों सीटों पर जीत दिलाकर केंद्र सरकार को अपना पूरा समर्थन दिया। इसके बावजूद बजट में प्रदेश के रेलवे विस्तार को पूरी तरह नजरअंदाज कर दिया गया

जनता को उम्मीद थी कि भाजपा सरकार हिमाचल के लिए कोई बड़ी रेल परियोजना लाएगी, लेकिन पिछले कई वर्षों से प्रदेश को रेलवे क्षेत्र में कोई महत्वपूर्ण योजना नहीं मिली


जनता में बढ़ता आक्रोश, राजनीतिक दबाव बढ़ने की संभावना

रेलवे बजट में हिमाचल की अनदेखी से प्रदेश की जनता में आक्रोश है। भाजपा के हिमाचली सांसदों पर भी अब दबाव बढ़ेगा कि वे केंद्र सरकार से प्रदेश के लिए विशेष रेलवे परियोजनाओं की स्वीकृति हासिल करें


अब आगे क्या?


हिमाचल प्रदेश को रेलवे नेटवर्क के विस्तार की सख्त जरूरत है, लेकिन 2025-26 के बजट में प्रदेश को कोई नई रेल परियोजना नहीं दी गई। यह प्रदेश के औद्योगिक और पर्यटन विकास के लिए एक बड़ा झटका है

अब देखना होगा कि क्या हिमाचल के सांसद और सरकार इस मुद्दे को फिर से केंद्र के सामने प्रभावी तरीके से रख पाएंगे या नहीं

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