भरमौर के 84 मंदिर परिसर की बदहाली और खेल मैदान की कमी पर पूर्व सैनिक मोहर सिंह ने उठाए सवाल

भरमौर के 84 मंदिर परिसर की बदहाली और खेल मैदान की कमी पर पूर्व सैनिक मोहर सिंह ने उठाए सवाल

चंबा जिले के भरमौर स्थित ऐतिहासिक 84 मंदिर परिसर की दयनीय स्थिति को लेकर पूर्व सैनिक मोहर सिंह ने प्रशासन और पंचायत पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि लाखों की आमदनी होने के बावजूद मंदिर परिसर की उचित देखभाल नहीं की जा रही है। जगह-जगह गंदगी, मलवे के ढेर और खुले में पड़ी पाइपों ने परिसर की सुंदरता को बिगाड़ दिया है।

प्रशासन की अनदेखी से ऐतिहासिक धरोहर की हालत खराब

सूबेदार मोहर सिंह का कहना है कि भरमौर पंचायत को 84 मंदिर परिसर से लाखों की आमदनी होती है, लेकिन उसकी सफाई और रखरखाव पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा। उन्होंने आरोप लगाया कि जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी द्वारा इसे दुरुस्त करने के निर्देश देने के बावजूद प्रशासन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया है।

श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों को उम्मीद थी कि प्रशासन इस ऐतिहासिक धरोहर की सुध लेगा, लेकिन गंदगी और बदइंतजामी से धार्मिक पर्यटन को भी नुकसान हो रहा है।

84 मंदिर परिसर की बदहाली की कुछ तस्वीरें

84 मंदिर परिसर में खेलने को मजबूर बच्चे, खेल मैदान की कमी पर भी उठाए सवाल

मोहर सिंह ने क्षेत्र में खेल अकादमी और खेल मैदान की कमी को लेकर भी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि वर्षों से युवाओं के लिए कोई खेल मैदान नहीं बनाया गया, जिससे बच्चे 84 मंदिर परिसर में खेलने को मजबूर हैं।

उन्होंने कहा, “खेल युवाओं को नशे से बचाने में अहम भूमिका निभा सकते हैं, लेकिन प्रशासन इस ओर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे रहा।” उनका कहना है कि भरमौर में नशे का खतरा बढ़ रहा है, और युवाओं को खेल सुविधाओं की ओर आकर्षित कर इस लत से बचाया जा सकता है।

नशे का खतरा बढ़ने की आशंका, चिट्टा पहुंचने का शक

सूबेदार मोहर सिंह मोहर सिंह ने आशंका जताई कि भरमौर में नशे (चिट्टा) का जाल फैल रहा है और युवा इसकी चपेट में आ सकते हैं। उन्होंने प्रशासन से मांग की कि जल्द से जल्द खेल मैदान और खेल अकादमी की व्यवस्था की जाए, ताकि युवाओं को स्वस्थ दिशा में आगे बढ़ाया जा सके।

स्थानीय लोग भी 84 मंदिर परिसर की बदहाली और नशे के बढ़ते प्रभाव को लेकर चिंतित हैं। अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस पर क्या कार्रवाई करता है और क्या भरमौर की ऐतिहासिक धरोहर को संरक्षित किया जाएगा या फिर यह बदहाली का शिकार ही बना रहेगा।