शिमला: हिमाचल प्रदेश ने शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा मुकाम हासिल किया है। हाल ही में जारी एनुअल स्टेटस ऑफ एजुकेशन रिपोर्ट (असर) 2024 के अनुसार, राज्य के सरकारी स्कूलों में रीडिंग लेवल और पेयजल उपलब्धता के मामले में हिमाचल देशभर में पहले स्थान पर रहा है। इसके अलावा, डिजिटल लिटरेसी और लाइब्रेरी बुक्स की उपलब्धता में भी हिमाचल शीर्ष राज्यों में शामिल हुआ है। हालांकि, स्कूल इनरोलमेंट दर में स्थिरता और कुछ बच्चों के स्कूल से बाहर रहने जैसी चुनौतियां बनी हुई हैं।
📌 रीडिंग लेवल में हिमाचल नंबर वन
असर रिपोर्ट के अनुसार, हिमाचल प्रदेश के प्राथमिक स्कूलों में छात्रों का रीडिंग लेवल राष्ट्रीय औसत से काफी बेहतर है।
✅ तीसरी कक्षा के 46.6% छात्र आसानी से दूसरी कक्षा की हिंदी पाठ्यपुस्तक पढ़ सकते हैं, जबकि राष्ट्रीय औसत सिर्फ 23.4% है।
✅ 2022 से 2024 के बीच हिमाचल ने रीडिंग स्किल में 10% अंक का सुधार किया है।
✅ कक्षा 8 के छात्रों की पढ़ने की क्षमता के मामले में हिमाचल तीसरे स्थान पर है। इस सूची में मिजोरम पहले और केरल दूसरे स्थान पर हैं।
📌 स्कूलों में पेयजल की उपलब्धता में हिमाचल अव्वल
राज्य सरकार के प्रयासों से सरकारी स्कूलों में पेयजल की उपलब्धता में लगातार सुधार हो रहा है।
✅ 2024 की रिपोर्ट के अनुसार, 90.4% सरकारी स्कूलों में स्वच्छ पेयजल उपलब्ध है।
✅ 2022 में यह आंकड़ा 88% था, जिसे बढ़ाकर 90.4% किया गया है।
✅ इस उपलब्धि के साथ हिमाचल प्रदेश देशभर में पहले स्थान पर आ गया है।
📌 डिजिटल लिटरेसी और लाइब्रेरी सुविधाओं में तीसरा स्थान
डिजिटल लिटरेसी और लाइब्रेरी बुक्स की उपलब्धता के मामले में भी हिमाचल शीर्ष तीन राज्यों में शामिल है।
✅ हिमाचल प्रदेश डिजिटल लिटरेसी में तीसरे स्थान पर है।
✅ लाइब्रेरी बुक्स की उपलब्धता में भी राज्य तीसरे नंबर पर रहा।
✅ डिजिटल लिटरेसी में केरल और मिजोरम पहले और दूसरे स्थान पर हैं।
✅ लाइब्रेरी सुविधाओं में उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड क्रमशः पहले और दूसरे स्थान पर हैं।
📌 शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर की प्रतिक्रिया
राज्य के शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने हिमाचल प्रदेश के अच्छे प्रदर्शन पर संतोष जताया, लेकिन आगे और सुधार की जरूरत बताई।
🗣️ “राज्य सरकार के प्रयासों से शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हुआ है, लेकिन यह सिर्फ शुरुआत है। हमें अभी और बेहतर करने की जरूरत है। नेशनल अचीवमेंट सर्वे में हिमाचल 21वें स्थान पर था, जिसे सुधारना जरूरी है। जल्द ही इस पर कैबिनेट में महत्वपूर्ण फैसले होंगे।”
📌 स्कूल इनरोलमेंट दर में स्थिरता, कुछ बच्चों के स्कूल न जाने की चिंता
हालांकि हिमाचल ने शिक्षा के कई क्षेत्रों में सुधार किया है, लेकिन स्कूल इनरोलमेंट दर में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है।
❌ 15 से 16 साल की आयु के 3% बच्चे अभी भी स्कूल नहीं जा रहे हैं।
❌ 2022 में यह आंकड़ा 2.2% था, जो अब बढ़कर 3% हो गया है।
❌ शिक्षा विभाग ने स्कूल ड्रॉपआउट रोकने के लिए विशेष अभियान चलाने की योजना बनाई है।
📌 गणित और मिड-डे मील की गुणवत्ता में सुधार
सरकारी स्कूलों में गणित विषय की समझ में हल्का सुधार देखा गया है।
✅ गणित में छात्रों की दक्षता बढ़ी है।
✅ मिड-डे मील की गुणवत्ता में सुधार हुआ है।
✅ 2022 में मिड-डे मील 91% अंक पर था, जो अब 95% तक पहुंच गया है।
📌 असर रिपोर्ट 2024: कैसे हुआ सर्वेक्षण?
असर रिपोर्ट तैयार करने के लिए हिमाचल प्रदेश के 268 स्कूलों का गहन निरीक्षण किया गया।
📌 रिपोर्ट में छात्रों की शिक्षण स्तर, स्कूलों की सुविधाएं, और शैक्षिक प्रगति को मापा गया।
📌 ग्रामीण और शहरी इलाकों के स्कूलों से डाटा संग्रह किया गया।
📌 शिक्षा नीति और स्कूलों के बुनियादी ढांचे का भी विश्लेषण किया गया।
📌 शिक्षा सुधार की दिशा में आगे क्या?
हिमाचल प्रदेश सरकार शिक्षा के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए नई नीतियों और योजनाओं पर काम कर रही है।
🔹 ड्रॉपआउट दर घटाने के लिए विशेष अभियान शुरू किए जाएंगे।
🔹 डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए स्मार्ट क्लासरूम और ऑनलाइन लर्निंग टूल्स को स्कूलों में जोड़ा जाएगा।
🔹 शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रमों को मजबूत किया जाएगा, ताकि शिक्षण की गुणवत्ता में सुधार हो।
🔹 पेयजल और स्वच्छता सुविधाओं को 100% तक पहुंचाने के प्रयास किए जाएंगे।
हिमाचल प्रदेश की इस सफलता से साफ है कि सरकार द्वारा उठाए गए शिक्षा सुधार के कदम सही दिशा में बढ़ रहे हैं। हालांकि, स्कूल ड्रॉपआउट दर और इनरोलमेंट में कमी जैसी चुनौतियों पर अभी और काम करने की जरूरत है। सरकार ने जल्द ही कैबिनेट में शिक्षा सुधारों से जुड़े महत्वपूर्ण फैसले लेने की बात कही है।