सोलन जिले के दून विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत बवासनी के गांव सुनानी में आदर्श सुदृढ़ गांव परियोजना के तहत पुनर्वास के लिए भूमि पूजन कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान विभाग (डीएसआईआर) की सचिव एवं वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) की महानिदेशक डॉ. एन. कलैसेल्वी ने मुख्य भूमिका निभाई। इस अवसर पर दून के विधायक राम कुमार चौधरी की गरिमामयी उपस्थिति रही।
भूमि पूजन के माध्यम से इस परियोजना का औपचारिक शुभारंभ करते हुए डॉ. कलैसेल्वी ने कहा कि यह परियोजना आपदा प्रभावित क्षेत्रों के पुनर्वास और दीर्घकालिक विकास के लिए समर्पित है। कार्यक्रम का उद्देश्य न केवल बुनियादी ढांचे का विकास करना है, बल्कि शिक्षा, स्वास्थ्य और स्वच्छता सेवाओं में सुधार लाकर ग्रामीण समुदायों के जीवन स्तर को भी ऊपर उठाना है।
विधायक राम कुमार चौधरी की घोषणाएं
दून के विधायक राम कुमार चौधरी ने इस मौके पर कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार संतुलित विकास के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने 2023 की आपदा के दौरान सरकार के प्रयासों को रेखांकित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में 4500 करोड़ रुपये के राहत पैकेज की घोषणा की गई थी।
विधायक ने बताया कि मुख्यमंत्री ने आपदा राहत मुआवजा राशि को 1.30 लाख रुपये से बढ़ाकर 7 लाख रुपये किया। उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायत बवासनी के सुनानी गांव के प्रभावित परिवारों को भी 7 लाख रुपये प्रति परिवार की सहायता दी जा रही है।
उन्होंने यह भी कहा कि वन क्षेत्राधिकार के तहत आने वाले इस क्षेत्र में वन विभाग को प्रभावित परिवारों के मकान निर्माण के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) शीघ्र जारी करने के निर्देश दिए गए हैं।
परियोजना का उद्देश्य और विशेषताएं
डॉ. एन. कलैसेल्वी ने बताया कि यह परियोजना आपदा जोखिम न्यूनीकरण के लिए एक समग्र दृष्टिकोण अपनाती है। इस योजना के तहत सुनानी और शील गांव में सड़क, पेयजल आपूर्ति, स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक भवन, और स्वच्छता जैसी बुनियादी सुविधाओं का विकास किया जाएगा।
इस परियोजना को गैर-सरकारी संस्था बाल रक्षा भारत और सीएसआईआर द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है। परियोजना के लिए वित्तीय सहायता जी मीडिया एंटरटेनमेंट द्वारा प्रदान की जा रही है।
बाल रक्षा भारत और सीएसआईआर का योगदान
बाल रक्षा भारत देश के 19 राज्यों में बच्चों के कल्याण के लिए कार्यरत है। सीएसआईआर-सीबीआरआई रुड़की के निदेशक प्रो. आर. प्रदीप कुमार ने बताया कि इस योजना में तकनीकी सहायता और परियोजना के क्रियान्वयन में सीबीआरआई की अहम भूमिका होगी।
सीएसआईआर-सीबीआरआई रुड़की द्वारा कार्यक्रम स्थल पर परियोजना से संबंधित एक प्रदर्शनी भी लगाई गई, जिसमें इस परियोजना के विभिन्न पहलुओं और लाभों को दिखाया गया।
सरकार की प्राथमिकता: ग्रामीण पुनर्वास और विकास
कार्यक्रम में विधायक ने बताया कि सरकार की प्राथमिकता अधूरी परियोजनाओं को जल्द से जल्द पूरा करना है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में राज्य के प्रभावित क्षेत्रों में संतुलित विकास और पुनर्वास सुनिश्चित किया जा रहा है।
“आदर्श सुदृढ़ गांव परियोजना” का उद्देश्य न केवल आपदा प्रभावित परिवारों को स्थाई पुनर्वास देना है, बल्कि दीर्घकालिक विकास को बढ़ावा देना भी है।
मौके पर उपस्थित गणमान्य व्यक्ति
इस कार्यक्रम में उपायुक्त सोलन मनमोहन शर्मा, पुलिस अधीक्षक बद्दी विनोद कुमार धीमान, सीएसआईआर-सीएसआईसी चंडीगढ़ के निदेशक प्रो. शांतनु भट्टाचार्य, सीएसआईआर-आईएम चंडीगढ़ के निदेशक डॉ. संजू खोसला, महिला मंडल बवासनी की प्रधान रमा ठाकुर, बाल रक्षा भारत के उप निदेशक अविनाश सिंह, तथा अन्य स्थानीय और प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे।
आपदा प्रभावितों को राहत देने की दिशा में बड़ा कदम
यह परियोजना हिमाचल प्रदेश सरकार, डीएसआईआर, और सीएसआईआर के समन्वित प्रयासों का परिणाम है। इसका उद्देश्य प्रभावित परिवारों को राहत देना, उनका पुनर्वास करना और उनकी जीवन गुणवत्ता में सुधार लाना है।