कांगड़ा जिले के ज्वाली विधानसभा क्षेत्र में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपने दो दिवसीय दौरे के दौरान कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं। आज ज्वाली में आयोजित जनसभा के दौरान उन्होंने कोटला पुलिस चौकी को पुलिस थाना के रूप में स्तरोन्नत करने की घोषणा की, जिससे स्थानीय निवासियों को बड़ी राहत मिलेगी। यह निर्णय क्षेत्र में कानून व्यवस्था को मजबूत करने और पुलिस सेवाओं को और अधिक सुलभ बनाने के उद्देश्य से लिया गया है।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर यह भी बताया कि राज्य में बिजली सब्सिडी छोड़ने की उनकी पहल को जनता का व्यापक समर्थन मिल रहा है। उन्होंने कहा, “अब तक 1000 से अधिक लोग अपनी बिजली सब्सिडी का स्वेच्छा से त्याग कर चुके हैं, और यह संख्या लगातार बढ़ रही है। इससे सरकार को संसाधनों का बेहतर उपयोग करने में मदद मिलेगी।” मुख्यमंत्री ने अन्य लोगों से भी इस मुहिम में आगे आने की अपील की।
गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों का सर्वेक्षण अप्रैल से
मुख्यमंत्री ने प्रदेश के गरीब वर्ग के लिए एक और महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए कहा कि अप्रैल माह में बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे) परिवारों का सर्वेक्षण फिर से शुरू किया जाएगा। इस सर्वेक्षण का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी लाभार्थी अपने अधिकार से वंचित न रहे। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए डिजिटल माध्यमों का उपयोग कर रही है, ताकि जरूरतमंद परिवारों तक सरकारी योजनाओं का लाभ तेजी से पहुंच सके।
जनसभा में मंत्री और गणमान्य लोगों की उपस्थिति
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के साथ कई गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित रहे, जिनमें लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह, आयुष मंत्री यादविन्द्र गोमा, राज्य योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष भवानी सिंह पठानिया, पूर्व विधायक अजय महाजन, कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक के अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया, एपीएमसी के अध्यक्ष नरेंद्र मोगरा, कांग्रेस नेता सुरेंद्र मनकोटिया, और अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष कुलदीप धीमान शामिल थे।
इन नेताओं ने मुख्यमंत्री के फैसलों का स्वागत किया और जनता को भरोसा दिलाया कि राज्य सरकार उनके कल्याण के लिए निरंतर कार्य कर रही है।
मुख्यमंत्री की घोषणाओं से क्षेत्र में उत्साह
मुख्यमंत्री की इन घोषणाओं से ज्वाली क्षेत्र के लोगों में उत्साह देखा गया। कोटला पुलिस चौकी को थाना बनाने के निर्णय से स्थानीय निवासियों को न्याय और सुरक्षा से संबंधित मामलों में तेजी से सहायता मिलेगी। वहीं, बीपीएल सर्वेक्षण और बिजली सब्सिडी छोड़ने की मुहिम से प्रदेश में समाजिक और आर्थिक सुधारों को नया आयाम मिलने की उम्मीद है।