प्रयागराज:
दुनिया के सबसे बड़े मानव समागम के रूप में पहचाने जाने वाले महाकुंभ 2025 का शुभारंभ सोमवार को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में हो गया। आयोजन के पहले दिन संगम तट पर लगभग 60 लाख श्रद्धालुओं ने पवित्र स्नान किया। यह महाकुंभ न केवल आध्यात्मिकता का प्रतीक है, बल्कि इसमें आधुनिकता और परंपरा का अनूठा संगम भी देखने को मिल रहा है।
ड्रोन कैमरों में कैद हुआ विशाल जनसमूह का दृश्य
ड्रोन कैमरों से लिए गए हवाई दृश्यों में संगम के घाटों पर श्रद्धालुओं का विशाल जनसमूह देखा गया। गंगा, यमुना और पौराणिक सरस्वती नदियों के संगम पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु स्नान के लिए जुटे। यह आयोजन, जो हर 12 वर्षों में आयोजित होता है, इस बार विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि इस साल 144 वर्षों में पहली बार दुर्लभ खगोलीय संयोग के साथ यह मेला हो रहा है।
पहला शाही स्नान: मकर संक्रांति पर मंगलवार को
महाकुंभ के पहले प्रमुख स्नान की शुरुआत मंगलवार को मकर संक्रांति के पावन अवसर पर होगी। इस शाही स्नान को “अमृत स्नान” भी कहा जाता है, और इसमें लाखों श्रद्धालुओं के शामिल होने की उम्मीद है।
45 करोड़ से अधिक भक्तों के आने की संभावना
महाकुंभ 2025, जो 26 फरवरी तक चलेगा, में 45 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। यह संख्या कई देशों की कुल जनसंख्या से अधिक है। उत्तर प्रदेश पुलिस और प्रशासन ने इस विशाल आयोजन को सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं।
सुरक्षा और प्रबंधन में आधुनिक तकनीकों का उपयोग
उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (DGP) प्रशांत कुमार ने कहा कि महाकुंभ 2025 को सुरक्षित और व्यवस्थित बनाने के लिए उन्नत तकनीकों का उपयोग किया गया है। ड्रोन, सीसीटीवी और एआई-आधारित निगरानी प्रणाली की मदद से भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा सुनिश्चित की जा रही है।
डीजीपी कुमार ने बताया,
“इस बार महाकुंभ में आधुनिकता और परंपरा का मेल देखने को मिलेगा। पुलिस और सुरक्षा बलों के पारंपरिक इंतजामों के साथ-साथ नवीनतम तकनीकों का उपयोग किया गया है। यह श्रद्धालुओं के अनुभव को और बेहतर बना रहा है।”
घाटों का विस्तार और मजबूत सुरक्षा व्यवस्था
प्रशासन ने घाटों का विस्तार किया है ताकि बड़ी संख्या में श्रद्धालु आसानी से स्नान कर सकें। इसके अलावा, भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा के लिए पुलिस और अन्य बलों की 24×7 तैनाती की गई है।
- जल पुलिस और एनडीआरएफ की तैनाती:
जल पुलिस और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की टीमें संगम और अन्य घाटों पर तैनात की गई हैं। ये टीमें किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। - घोड़ों और नावों से गश्त:
सुरक्षा बलों द्वारा घोड़ों और नावों से गश्त की जा रही है ताकि हर कोने में सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
श्रद्धालुओं के लिए विशेष व्यवस्थाएं
महाकुंभ 2025 में श्रद्धालुओं के लिए विशेष सुविधाएं भी प्रदान की गई हैं।
- अस्थायी टेंट सिटी:
1.5 लाख से अधिक टेंट लगाए गए हैं। इनमें से कई टेंट विदेशी पर्यटकों के लिए आयुर्वेद, योग और पंचकर्म जैसी सुविधाओं से लैस हैं। - साफ-सफाई और स्वच्छता:
1.45 लाख शौचालय और 3,000 सामुदायिक रसोई घरों की व्यवस्था की गई है। - परिवहन व्यवस्था:
भारतीय रेलवे ने इस दौरान विशेष रूप से 3,300 अतिरिक्त ट्रेन सेवाओं की व्यवस्था की है।
पुलिस महानिदेशक का बयान
डीजीपी प्रशांत कुमार ने बताया कि महाकुंभ में हर स्तर पर सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए व्यापक इंतजाम किए गए हैं। उन्होंने कहा,
“श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा हमारी पहली प्राथमिकता है। इस बार हमने भीड़ प्रबंधन को और बेहतर बनाने के लिए अत्याधुनिक तकनीकों का सहारा लिया है।”
प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की शुभकामनाएं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाकुंभ की शुरुआत को “आध्यात्मिकता का महापर्व” बताते हुए कहा कि यह आयोजन भारतीय संस्कृति और आस्था का प्रतीक है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ को “विविधता में एकता” का संदेश देने वाला आयोजन बताया। उन्होंने श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं देते हुए कहा,
“महाकुंभ न केवल आध्यात्मिक जागृति का केंद्र है, बल्कि यह उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक और आर्थिक समृद्धि का भी प्रतीक है।”
महाकुंभ 2025: परंपरा और प्रगति का संगम
महाकुंभ 2025 न केवल धर्म और संस्कृति का उत्सव है, बल्कि यह आधुनिक तकनीक और परंपरागत मूल्यों का अद्भुत संगम भी है। पहले दिन के 60 लाख श्रद्धालुओं के पवित्र स्नान ने इस आयोजन की भव्यता को और बढ़ा दिया है।