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जहरीले रसायन युक्त पानी पी रहे भरमौर के लोग,जानलेवा बीमारियों का खतरा !

चम्बा-:  केमिकल मिश्रित जहरीला पानी पी रहे भरमौर के लोग !

भरमौर उपमंडल मुख्यालय सहित पांच पंचायत के हजारों लोगों को केमिकल मिश्रित पानी पिलाया जा रहा है.यह पानी भरमाणी माता के स्रोत से बह रहे नाले से सीधे सिचाई एवं जनस्वास्थ्य विभाग द्वारा टैंकों में भंडारण किया जा रहा है जहां से यह सीधे लोगों के घरों तक पहुंच रहा है.

देखने में यह पानी भले ही निर्मल दिख रहा हो लेकिन इस नाले के ऊपरी भाग में बने भेड़ विकास के भेड़ स्नान टैंक में इन दिनों भेड़ों को नहलाने व पास ही ऊन उतारने का कार्य चल रहा है.जहां भेड़ों के डिपिंग टैंक में भारी मात्रा में कृमिनाशक दवाइयां मिलाई जा रही हैं.ताकि भेड़ों की ऊन में छिपे कृमियों व उनकी फंगल बीमारियों का उपचार किया जा सके.लेकिन भेड़ों के नहाने के बाद यह कैमिकल युक्त जहरीला पानी सीधा नाले में मिल रहा है जोकि नीचे बने पेयजल भंडारों के माध्यम से लोगों के पेट में जा रहा है.जिससे लोगों में कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियों का खतरा बना हुआ है.भेड़ों को नहलाने के लिए भेड़ पालक डिपिंग टैंक में पाईरेथ्रोयडस,ऑरगेनोक्लोराईन,कार्बामेट्स,मैंगनीज जैसे घातक रसायन युक्त दवाइयों का उपयोग कर रहे हैं.

भेड़ विकास के वरिष्ठ पशु चिकित्सक मदन वर्मा का कहना है कि उक्त डिपिंग टैंक को मौजूदा स्थान से हटाने का प्रावधान किया जा रहा है.जिसके लिए घुघू नामक स्थान के पास स्थान का चयन किया जा रहा है.वहीं इस डिपिंग टैंक में भेड़ों को नहलाने पर पाबंदी लगा दी गई है.विभाग की पाबंदी के बावजूद उक्त स्थान व उसके आसपास पर भेड़ों को नहलाने के लिए भारी मात्रा में कृमिनाशक रसायन पानी में मिलाए जा रहे हैं.

भेड़ पालकों का कहना है कि सरकार ने यह डिपिंग टैंक भेड़ों को नहलाने के लिए ही बनाया है जबकि इसके अलावा कहीं और कोई जगह भेड़ों को नहलाने के लिए बनाई ही नहीं गयी जहां वे अपने रेवड़ों को नहलाएं.

रसायन युक्त पेयजल आपूर्ति आज से नहीं बल्कि पिछले तीन दशकों से जारी है.अब तो लोग इस पानी को पीने से घबरा रहे हैं.लोग गांव के नजदीकी पेयजल स्रोतों से पीने पानी के लिए पानी ला रहे हैं.जबकि सम्पन्न परिवारों ने आर ओ व यूवी सिस्टम लगाना शुरू कर दिए हैं.

उल्लेखनीय है कि क्षेत्र में कैंसर से पीड़ित व मरने वाले लोगों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है जिससे लोगों को इस पेयजल की शुद्धता से भरोसा कम हो गया है.

विभागीय सहायक अभियंता शरती राम शर्मा बताते हैं कि पेयजल आपूर्ति के लिए भरमाणी से एक अलग पाईप लाईन बिछाई गई है जिसे फिल्टर टैंक के माध्यम से लोगों को स्वच्छ पानी मुहैया करवाया जा रहा है.

लेकिन इस प्रश्न का जबाव विभाग के पास भी नहीं है कि जहरीले रसायनों को विभागीय फिल्टर टैंक कैसे फिल्टर करते हैं.लोगों ने सरकार से मांग की है कि लोगों के जीवन से जुड़े इस मामले का तुरंत समाधान करे.उल्लेखनीय है कि कुछ दिनों बाद ही भरमाणी में मणिमहेश यात्रियों के स्नान का सिलसिला शुरू हो जाएगा जिस कारण पेयजल में गन्दगी का स्तर और बढ़ जाएगा.

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