डलहौज़ी मर्डर केस में मृतक होटल के जनरल मैनेजर राजेंद्र मल्होत्रा की पत्नी का दर्द भरा वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस वीडियो में वह रो-रोकर अपनी दुर्दशा बयान कर रही हैं। उन्होंने कहा कि उनके पति परिवार का इकलौता सहारा थे, और अब उनके जाने के बाद उनके बच्चों का भविष्य अंधकारमय हो गया है।
महिला ने बताया कि राजेंद्र मल्होत्रा ने मरने से ठीक एक घंटे पहले उनसे वीडियो कॉल पर बात की थी। उन्होंने कहा था कि वह सोने जा रहे हैं और अगले दिन चंडीगढ़ आने वाले थे। पत्नी ने भावुक होते हुए कहा, “हमने अपने बच्चों के लिए बड़े सपने देखे थे। हमारा 16 साल का बड़ा बेटा चंडीगढ़ में कोचिंग कर रहा है और बेटी डीपीएस स्कूल में सातवीं कक्षा में पढ़ती है। अब उनके भविष्य का क्या होगा?”
पति कभी मुझसे अलग नहीं होते थे
राजेंद्र मल्होत्रा की पत्नी ने शुक्रवार को स्थानीय कर्मियों से बातचीत करते हुए कहा कि उनके पति बेहद शरीफ और मिलनसार व्यक्ति थे। उन्होंने बताया, “हमारे दो बच्चे हैं और दोनों चंडीगढ़ में पढ़ाई कर रहे हैं। बच्चों की पढ़ाई के लिए ही हमने उन्हें चंडीगढ़ भेजा ताकि वे जिंदगी में कुछ बन सकें। मेरे पति कभी मुझसे अलग नहीं होते थे, लेकिन बच्चों की बेहतर शिक्षा के लिए उन्होंने ऐसा किया।”
महिला ने सरकार से मदद की गुहार लगाते हुए कहा कि उनके पति परिवार के इकलौते कमाने वाले थे। अब उनके बिना बच्चों की पढ़ाई का क्या होगा?
सीबीआई जांच होनी चाहिए
महिला ने बताया कि उनके पति ने रात को 12:30 बजे वीडियो कॉल पर बात की थी और कहा था कि वह सोने जा रहे हैं। लेकिन रात 2 बजे भतीजे का कॉल आया, जिसने घटना की जानकारी दी।
महिला ने एक अन्य कर्मचारी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा, “सुभाष पुलिस वालों से मिला हुआ था। उसने होटल की सारी लाइटें बंद कर दी थी। पुलिस वालों ने मेरी दुनिया ही उजाड़ दी। सुभाष के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।”
सरकार मुआवजा दे और दोषियों को भारी जुर्माना लगे
इस घटना ने पूरे हिमाचल प्रदेश को झकझोर कर रख दिया है। सवाल उठ रहा है कि बच्चों के भविष्य का क्या होगा? क्या दोषियों को सजा के साथ-साथ भारी जुर्माना भी लगाया जाना चाहिए ताकि पीड़ित परिवार को आर्थिक मदद मिल सके?
राजेंद्र मल्होत्रा की पत्नी ने मीडिया से हाथ जोड़कर मदद मांगी और कहा कि उनके परिवार को न्याय दिलाने में सभी को सहयोग करना चाहिए।
लंबी लड़ाई की जरूरत
इस घटना ने कई गंभीर सवाल खड़े किए हैं:
- क्या सरकार को ऐसे अनोखे मामले में पीड़ित परिवार को अधिक मुआवजा देना चाहिए?
- क्या दोषियों पर सजा के साथ भारी जुर्माना लगना चाहिए ताकि पीड़ित परिवार की मदद हो सके?
- क्या इस मामले की सीबीआई जांच से सच सामने आएगा?
इस केस में न्याय मिलने और परिवार की आर्थिक मदद सुनिश्चित करने के लिए समाज और प्रशासन को मिलकर काम करना होगा।