स्कूलों में ही उठी तम्बाकू के विरोध में आवाज…बाजारों में तो खूब बिके तम्बाकू उत्पाद.

लियार के स्कूलों में आज विश्व तम्बाकू निषेध दिवस मनाया गया.तम्बाकू उत्पादों के सेवन से होने पर होने वाले दुष्प्रभावों पर अध्यापकों ने खूब पाठ पढ़ाया.रावमापा भरमौर,खणी,ऱावमापा कन्या भरमौर,ऱाउवि घरेड़ में बच्चों ने तम्बाकू निषेध विषय पर आयोजित चित्रकला,नारा लेखन,भाषण प्रतियोगिताओं में भाग लिया.रावमापा भरमौर में उपमंडलाधिकारी पीपी सिंह ने अाकस्मिक मौजूदगी दर्ज करवाई.उन्होंने बच्चों नशे से दूर रहने की सलाह दी.स्कूल में आयोजित भाष्ण प्रतियोगिता में सपना ने पहला,अर्पिता ने दूसरा विकिरण ने तीसरा स्थान हासिल किया.नारा लेखन में नीतिका ने पहला,अर्पणा ने दूसरा,व मनीष ने तीसरा स्थान हासिल किया.चित्रकला में कल्पना चौहान ने पहला,तब्बू शर्मा ने दूसरा व अंजली शर्मा ने तीसरा स्थान हासिल किया.

वहीं राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला भरमौर में आयोजित नारा लेखन प्रतियोगिता में सरोजिनी सदन की भानुप्रिया व सुरक्षा ने पहला स्थान,इंदिरा सदन की प्रियंका व कविता ने दूसरा स्थान हासिल किया.चित्रकला प्रतियोगिता में सरोजिनी सदन की सकीना ने पहला व इंदिरा सदन की तनु ने दूसरा स्थान हासिल किया.भाषण प्रतियोगिता में प्रियंका ने अपने मुद्दे पर सबका ध्यान खींचा.

विद्यालय में नैतिक शिक्षा का बीड़ा उठाने वाले अध्यापक कृष्ण सिंह पखरेटिया ने कहा कि तम्बाकू निषेध दिवस मात्र स्कूलों में मनाने भर से लोगों को तम्बाकू उत्पाद सेवन से नहीं बचाया जा सकता.इसके लिए तो सरकार को तम्बाकू उत्पादों पर पूर्णतया प्रतिबंध लगा देना चाहिए.उन्होंने कहा कि पिछले कई दशकों से शिक्षक बच्चों को तम्बाकू के दुष्प्रभावों के बारे मैं जागरूक करते आ रहे हैं लेकिन इनमें से बहुत से बच्चे या तो पढ़ाई के दौरान या उसके बाद तम्बाकू उत्पादों का उपभोग करना आरम्भ कर देते हैं.मात्र स्कूलों में बच्चों को जागरूक करने मात्र से ही तम्बाकू उपभोग करने वालों की संख्या कम नहीं होगी.इसके लिए समूचे समाज को एक साथ अभियान चलाना होगा.इसलिए सरकार को तम्बाकू के दुष्प्रभावों को देखते हुए कुछ नये व प्रभावी कदम उठाने चाहिए.