शिमला: उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने घोषणा की है कि हिमाचल प्रदेश सहकारिता विभाग में रिक्त चल रहे करीब 900 पदों को भरने के लिए रणनीति बनाई जाएगी। उन्होंने यह बयान सहकारी समितियों और हिमफेड के संयुक्त तत्त्वावधान में आयोजित दो दिवसीय सम्मेलन में दिया। साथ ही, 1789 सहकारी समितियों के कंप्यूटरीकरण के लिए बजट स्वीकृत किया गया है, जो सहकारी क्षेत्र में पारदर्शिता और दक्षता लाने के लिए एक अहम कदम है।
सहकारिता विभाग को अधिक कार्यशील बनाने पर जोर
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि जिस प्रकार सरकार ने परिवहन और एचआरटीसी को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कदम उठाए हैं, उसी तरह सहकारिता विभाग को भी सुदृढ़ और अधिक कार्यशील बनाने की दिशा में काम किया जा रहा है। उन्होंने इस सम्मेलन में चर्चा किए गए मुद्दों और सुझावों के आधार पर नए कानून और रणनीतियां बनाने का आश्वासन दिया।
आगामी वित्तीय वर्ष के बजट में सहकारिता क्षेत्र के सुदृढ़ीकरण के लिए नए कानूनों के प्रस्ताव विधानसभा में पेश किए जाएंगे।
सहकारी हाट का विकास
प्रदेश में सहकारी हाट विकसित करने के लिए चार स्थानों का चयन किया गया है:
- चिंतपूर्णी (ऊना)
- बाबा बालक नाथ (हमीरपुर)
- पालमपुर (कांगड़ा)
- सुंदरनगर (मंडी)
सहकारी हाट को वन स्टॉप सेंटर के रूप में विकसित किया जाएगा, जहां सहकारी सभाओं द्वारा निर्मित उत्पादों की बिक्री होगी। इससे न केवल सहकारी समितियों को अपने उत्पादों के लिए बाजार मिलेगा, बल्कि स्थानीय उत्पादों को भी बढ़ावा मिलेगा।
सम्मेलन की मुख्य बातें
इस दो दिवसीय सम्मेलन में नाबार्ड, सहकारिता विभाग और अन्य हितधारकों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। प्रदेश भर की 5276 सहकारी समितियों के करीब 300 प्रतिनिधि इसमें शामिल हुए।
- सम्मेलन के दौरान सहकारी क्षेत्र को मजबूत बनाने और नई नीतियां बनाने पर विचार-विमर्श किया गया।
- उपमुख्यमंत्री ने हिमफेड, वूलफेड और मिल्कफेड जैसी फेडरेशनों की अनुपस्थिति पर चिंता जताई और अधिकारियों को इन पर शिकंजा कसने के निर्देश दिए।
- उन्होंने कहा कि सहकारी समितियां निजी और सरकारी बैंकों के लिए आधार हैं और ऐसे में बैंकों के प्रतिनिधियों को इस प्रकार के आयोजनों में भाग लेना चाहिए।
सहकारिता क्षेत्र में डिजिटलाइजेशन
1789 सहकारी समितियों का कंप्यूटरीकरण राज्य सरकार की प्राथमिकता है।
- यह कदम सहकारी समितियों के कार्यों को पारदर्शी और तेज बनाएगा।
- डिजिटलाइजेशन के जरिए समितियों की कार्यक्षमता में बढ़ोतरी होगी।
नए कदम और नीतियां
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि इस सम्मेलन में प्रस्तुत सुझावों को ध्यान में रखते हुए सहकारिता क्षेत्र में सुधार के लिए नई रणनीतियां और नीतियां तैयार की जाएंगी।
- सहकारी समितियों की भूमिका को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए कानूनों में बदलाव किए जाएंगे।
- भविष्य में सहकारी समितियों के विकास के लिए आर्थिक सहायता और योजनाओं का विस्तार किया जाएगा।
सहकारिता क्षेत्र की व्यापक संभावनाएँ
- प्रदेश की सहकारी समितियों को और अधिक आत्मनिर्भर बनाने पर जोर।
- सहकारी हाट के विकास से ग्रामीण उत्पादकों और किसानों को बड़ा लाभ होगा।
- 900 पदों की भर्ती से विभाग के कार्यों में गति आएगी और युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे।