हिमाचल प्रदेश में सरकारी स्कूलों के लिए शैक्षणिक सत्र 2025-26 से छुट्टियों का नया प्रारूप लागू होने की संभावना है। शिक्षा विभाग ने एक प्रस्ताव तैयार किया है, जिसके तहत 52 वार्षिक छुट्टियों में से 30 छुट्टियां फिक्स की जाएंगी। जबकि शेष 22 छुट्टियों का निर्णय जिला उपायुक्त स्थानीय मौसम की स्थिति के आधार पर करेंगे।
शिक्षा सचिव राकेश कंवर ने बताया कि प्रदेश के विविध भौगोलिक और जलवायु परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया जा रहा है। ऊना और बिलासपुर जैसे जिलों में अत्यधिक गर्मी होती है, जबकि लाहौल-स्पीति और किन्नौर में भारी बर्फबारी देखने को मिलती है। इसी तरह शिमला, कांगड़ा, मंडी और सोलन में बरसात का प्रभाव अधिक रहता है।
प्राकृतिक कारणों से बढ़ रही छुट्टियों पर नियंत्रण
पिछले कुछ वर्षों में मौसम की अनियमितता के कारण स्कूलों में निर्धारित 52 छुट्टियों के अलावा अतिरिक्त अवकाश करने पड़े हैं। गर्मियों में लू चलने, बारिश की तीव्रता बढ़ने या बर्फबारी के कारण स्कूलों को अनियमित रूप से बंद करना पड़ा है।
शिक्षा सचिव ने कहा, “हमारा उद्देश्य यह है कि छात्रों की पढ़ाई पर मौसम के कारण पड़ने वाले प्रभाव को कम किया जाए। इसलिए, 30 छुट्टियां तय होंगी, जो त्योहारी सीजन और परीक्षाओं के बाद दी जाएंगी। अन्य 22 छुट्टियां प्राकृतिक आपदाओं और स्थानीय मौसम के हिसाब से तय होंगी।”
सुझाव मांगे जाएंगे
शिक्षा विभाग जनवरी और फरवरी 2025 में स्कूल प्रबंधन समितियों (एसएमसी), अभिभावकों, शिक्षकों, और छात्रों से इस प्रस्ताव पर सुझाव मांगेगा। इसके बाद 2025-26 के लिए नया छुट्टी कैलेंडर तैयार किया जाएगा।
शिक्षा विभाग बीते पांच वर्षों के दौरान प्राकृतिक आपदाओं के चलते दी गई छुट्टियों का रिकॉर्ड भी खंगाल रहा है। यह डेटा भविष्य की योजना बनाने में मदद करेगा।
क्षेत्रीय आवश्यकताओं के हिसाब से बदलाव
वर्तमान में ग्रीष्म और शीतकालीन स्कूलों में एक समान प्रारूप लागू है। हालांकि, यह सभी क्षेत्रों की आवश्यकताओं को पूरा नहीं करता। अक्सर ऐसा देखा गया है कि बरसात की छुट्टियां समाप्त होने के बाद बारिश की तीव्रता बढ़ जाती है, जिससे छात्रों को स्कूल आने में दिक्कतें होती हैं। इसी तरह गर्मियों में लू के कारण भी स्कूल बंद करने पड़ते हैं।
शिक्षा सचिव ने कहा, “जिला प्रशासन को 22 छुट्टियों का अधिकार देने का उद्देश्य यह है कि वे स्थानीय आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर निर्णय ले सकें।”