हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में पुलिस महकमे की छवि को धूमिल करने वाला एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहाँ पधर थाने के एसएचओ अशोक कुमार को विजिलेंस की टीम ने 15,000 रुपये रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर लिया। इस घटना के बाद पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया है, और मंडी पुलिस की हर तरफ आलोचना हो रही है।
रिश्वत के लिए अपना ईमान बेच दिया
सूत्रों के मुताबिक, एसएचओ अशोक कुमार ने एक केस को निपटाने के एवज में एक व्यक्ति से 15,000 रुपये की रिश्वत मांगी थी। आरोपी एसएचओ ने शिकायतकर्ता को अपने आवास पर पैसे लेकर आने के लिए कहा था। शिकायतकर्ता ने मामले की जानकारी तुरंत विजिलेंस विभाग को दी, जिसने एक जाल बिछाकर आरोपी को रंगे हाथ पकड़ने की योजना बनाई। सोमवार देर शाम विजिलेंस टीम ने शिकायतकर्ता को एसएचओ के आवास पर पैसों के साथ भेजा, और जैसे ही उसने पैसे स्वीकार किए, विजिलेंस ने छापा मारकर अशोक कुमार को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।
डीएसपी विजिलेंस ने की पुष्टि
डीएसपी विजिलेंस प्रियंक गुप्ता ने इस मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि आरोपी एसएचओ के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने बताया कि मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए सभी सबूतों को संकलित किया जा रहा है और विजिलेंस की टीम ने सभी नियमों का पालन करते हुए इस कार्रवाई को अंजाम दिया है। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि आरोपी एसएचओ अशोक कुमार की संपत्ति और वित्तीय स्थिति की गहन जांच की जाएगी ताकि यह स्पष्ट हो सके कि कहीं उसने पूर्व में भी इस प्रकार के अवैध तरीकों से धन अर्जित तो नहीं किया है।
पुलिस महकमे में भारी चर्चा, विभाग की छवि को नुकसान
इस घटना के बाद मंडी पुलिस की हर तरफ किरकिरी हो रही है। स्थानीय स्तर पर पुलिस महकमे में रिश्वतखोरी के इस मामले की जमकर आलोचना हो रही है और विभाग की छवि को गहरी चोट पहुँची है। पुलिस पर पहले भी भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे हैं, लेकिन इस बार सीधे एक वरिष्ठ अधिकारी की गिरफ्तारी ने पूरे विभाग को कटघरे में खड़ा कर दिया है। पुलिसकर्मी और आम लोग इस घटना की चर्चा कर रहे हैं और पुलिस विभाग में स्वच्छता और पारदर्शिता बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर दिया जा रहा है।
विजिलेंस विभाग की सतर्कता
विजिलेंस विभाग की इस कार्रवाई की सराहना भी हो रही है, क्योंकि उन्होंने पूरी गोपनीयता के साथ एसएचओ को रंगे हाथ पकड़ने में सफलता पाई। मामले की जानकारी पुलिस विभाग के अन्य अधिकारियों तक को नहीं लग पाई थी, जिससे विजिलेंस की सतर्कता और विश्वसनीयता पर विश्वास बढ़ा है। विजिलेंस टीम अब यह सुनिश्चित करने में लगी है कि मामले की निष्पक्षता बनी रहे और आरोपी एसएचओ के खिलाफ कानूनी कार्रवाई में कोई कमी न रहे।