जनजातीय उपमंडल भरमौर की कुगती पंचायत में विभिन्न विभागों का संयुक्त जागरूकता शिविर, ग्रामीणों को योजनाओं की जानकारी दी

जनजातीय उपमंडल भरमौर की कुगती पंचायत में विभिन्न विभागों का संयुक्त जागरूकता शिविर, ग्रामीणों को योजनाओं की जानकारी दी

जनजातीय उपमंडल भरमौर की दुर्गम कुगती पंचायत में प्रशासन द्वारा एक संयुक्त जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों तक सरकारी योजनाओं की जानकारी पहुंचाना और लोगों को इन योजनाओं का लाभ उठाने के लिए प्रेरित करना था। विभिन्न विभागों के प्रतिनिधियों ने इसमें हिस्सा लिया और लोगों को अपनी-अपनी योजनाओं के लाभ, पात्रता और आवेदन प्रक्रियाओं के बारे में बताया।

कार्यवाहक अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी भरमौर, कुलबीर सिंह राणा के मार्गदर्शन में इस शिविर का संचालन किया गया। कृषि विभाग भरमौर के विषय विशेषज्ञ डॉ. जितेंद्र वर्धन ने बताया कि इस प्रकार के शिविर का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण समुदाय को सरकारी लाभों के बारे में जागरूक करना है ताकि वे अपने अधिकारों और सुविधाओं के प्रति सजग रहें। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के आयोजन से किसान, बागवान और अन्य ग्रामीण लोग लाभान्वित हो सकते हैं और विभागीय योजनाओं से बेहतर तरीके से जुड़ सकते हैं।

शिविर के दौरान कृषि विभाग द्वारा कुगती पंचायत के किसानों को मटर के बीज वितरित किए गए। इसका उद्देश्य यहां के किसानों को आत्मनिर्भर बनाना और उन्हें गुणवत्तापूर्ण बीज उपलब्ध कराना था ताकि वे उन्नत फसलों की पैदावार कर सकें। इसी तरह स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने भी ग्रामीणों के स्वास्थ्य की जांच की और मुफ्त दवाइयों का वितरण किया। इस पहल का मुख्य उद्देश्य जनजातीय क्षेत्र के लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना और उन्हें निशुल्क चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराना था।

इस अवसर पर तहसील कल्याण अधिकारी सुरजीत कुमार ने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों में इस प्रकार के जागरूकता शिविरों की अत्यधिक आवश्यकता है। यह कदम ग्रामीणों को कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ने में सहायक साबित होगा, जिससे उनके जीवन स्तर में सुधार होगा। शिविर में विभिन्न विभागों के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे, जिन्होंने अपनी-अपनी योजनाओं की जानकारी साझा की और ग्रामीणों की शंकाओं का समाधान किया।

इस शिविर में ग्रामीणों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और सरकार की योजनाओं के बारे में जानने में उत्सुकता दिखाई। इस प्रकार के शिविरों का आयोजन जनजातीय क्षेत्रों में बार-बार करने की आवश्यकता है ताकि ग्रामीण समुदाय को योजनाओं का वास्तविक लाभ मिल सके।