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ICMR का अध्ययन: मधुमेह के लिए ज़िम्मेदार खाद्य पदार्थों का खुलासा, तले-भुने और प्रोसेस्ड फूड्स से बढ़ता खतरा

ICMR का अध्ययन: मधुमेह के लिए ज़िम्मेदार खाद्य पदार्थों का खुलासा, तले-भुने और प्रोसेस्ड फूड्स से बढ़ता खतरा

नई दिल्ली: भारत में बढ़ते मधुमेह के मामलों के पीछे मुख्य कारणों को लेकर एक अहम अध्ययन सामने आया है। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) और मद्रास डायबिटीज रिसर्च फाउंडेशन (MDRF) द्वारा किए गए इस शोध में बताया गया है कि भारत में मधुमेह की महामारी के पीछे एक बड़ा कारण “एडवांस्ड ग्लाइकेशन एंड प्रोडक्ट्स” (AGEs) से भरपूर खाद्य पदार्थ हैं। यह अध्ययन पहली बार यह स्थापित करता है कि केक, चिप्स, तले हुए स्नैक्स, और अन्य प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों का अधिक सेवन हमारे देश में मधुमेह की बढ़ती दर के लिए प्रमुख रूप से ज़िम्मेदार हो सकता है।

क्या हैं AGEs और यह कैसे बढ़ाते हैं मधुमेह का खतरा?

AGEs एक प्रकार के रसायन होते हैं, जो तब बनते हैं जब चीनी प्रोटीन या वसा के साथ मिलती है। यह प्रक्रिया तब और तेज़ हो जाती है जब भोजन को अधिक तापमान पर पकाया जाता है, जैसे कि तलना, भूनना या ग्रिल करना। इन रसायनों का शरीर में प्रवेश सूजन और ऑक्सीडेटिव तनाव को बढ़ावा देता है, जिससे कोशिकाओं को नुकसान पहुंचता है और टाइप-2 मधुमेह जैसी बीमारियों का जोखिम बढ़ता है।

MDRF के अध्यक्ष और इस अध्ययन के सह-लेखक डॉ. वी. मोहन ने बताया, “AGEs का बढ़ता स्तर शरीर में इंसुलिन संवेदनशीलता को कम करता है, जिससे ग्लूकोज को नियंत्रित करना मुश्किल हो जाता है। भारत जैसे देश में, जहाँ प्रोसेस्ड और तले-भुने खाद्य पदार्थों का सेवन तेजी से बढ़ रहा है, इस पर नियंत्रण करना बहुत जरूरी है।”

भारत में मधुमेह की गंभीर स्थिति और खानपान में बदलाव का असर

ICMR और MDRF द्वारा 2021 में किए गए एक अन्य सर्वेक्षण के अनुसार, देश में लगभग 10.1 करोड़ लोग मधुमेह से पीड़ित हैं। यह संख्या तेजी से बढ़ रही है, और इसका मुख्य कारण हमारे खानपान और जीवनशैली में हो रहे बदलाव हैं। जैसे-जैसे लोगों में पश्चिमी शैली के प्रोसेस्ड फूड्स का सेवन बढ़ा है, वैसे-वैसे मधुमेह और मोटापे जैसी बीमारियों का खतरा भी बढ़ा है। प्रोसेस्ड और हाई-AGE खाद्य पदार्थों के सेवन के कारण शरीर में सूजन और ऑक्सीडेटिव तनाव बढ़ता है, जो मधुमेह के विकास में सहायक है।

अध्ययन की मुख्य बातें: कम और उच्च-AGE आहार का असर

इस अध्ययन में 38 अधिक वजन और मोटापे से पीड़ित लोगों को शामिल किया गया था। इन प्रतिभागियों को दो समूहों में विभाजित किया गया – एक समूह को कम-AGE आहार दिया गया, जिसमें उबली हुई सब्जियाँ, फल और साबुत अनाज शामिल थे, जबकि दूसरे समूह को उच्च-AGE आहार दिया गया, जिसमें तले, भुने और ग्रिल किए हुए खाद्य पदार्थ शामिल थे। दोनों आहारों में कैलोरी और मैक्रोन्यूट्रिएंट्स की मात्रा समान रखी गई, जिससे केवल AGE सामग्री का प्रभाव मापा जा सके।

12 हफ्तों के इस अध्ययन में पाया गया कि कम-AGE आहार पर रहने वाले प्रतिभागियों की मेटाबॉलिक सेहत में उल्लेखनीय सुधार हुआ। इस समूह में इंसुलिन संवेदनशीलता बढ़ी और उनके पोस्ट-लोड प्लाज्मा ग्लूकोज (PG) स्तर में भी कमी आई, जो मधुमेह के जोखिम को दर्शाता है। इसके विपरीत, उच्च-AGE आहार का सेवन करने वालों में इस प्रकार का सुधार नहीं देखा गया।

कम-AGE आहार के लाभ

अध्ययन में यह भी दिखाया गया कि कम-AGE आहार से शरीर में ऑक्सीडेटिव तनाव कम होता है, जिससे सूजन घटती है और मधुमेह का खतरा कम होता है। कम-AGE आहार में मुख्य रूप से फल, सब्जियां, साबुत अनाज और कम वसा वाले डेयरी उत्पाद शामिल होते हैं। यह आहार शरीर में फ्री रेडिकल्स को नियंत्रित कर ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करता है, जो कोशिकाओं को क्षति से बचाता है और शरीर की मेटाबॉलिक सेहत को बनाए रखता है।

डॉ. मोहन ने कहा, “खाद्य पदार्थों को तलने, ग्रिल करने या भूनने के बजाय उबालने या भाप में पकाने से उनमें AGEs की मात्रा कम रहती है। हमारे भोजन में कम AGE स्तर बनाए रखने के लिए इन साधारण बदलावों का ध्यान रखना जरूरी है।”

उच्च-AGE और कम-AGE खाद्य पदार्थ

कम-AGE खाद्य पदार्थों का चयन करना और खाना पकाने के तरीकों को बदलना मधुमेह से बचाव में सहायक हो सकता है। यह समझने की आवश्यकता है कि भोजन में AGEs को कम करके, हम अपने शरीर के मेटाबॉलिक स्वास्थ्य को सुधार सकते हैं।

भारत में मधुमेह की महामारी से निपटने के लिए ICMR का सुझाव

भारत में मधुमेह की बढ़ती समस्या के समाधान के लिए आहार और खानपान की आदतों में बदलाव एक महत्वपूर्ण उपाय हो सकता है। ICMR का सुझाव है कि स्वस्थ जीवनशैली अपनाने और AGE सामग्री को नियंत्रित करने से मधुमेह के खतरे को कम किया जा सकता है। खानपान में ताजे फल, सब्जियों, और साबुत अनाज को प्राथमिकता देना और प्रोसेस्ड फूड्स को सीमित करना देश में मधुमेह से निपटने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हो सकते हैं।

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