हिमाचल की 3 वर्षीय माही राज नेपटा ने रचा विश्व रिकॉर्ड, “हाई रेंज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स” में दर्ज हुआ नाम

हिमाचल की 3 वर्षीय माही राज नेपटा ने रचा विश्व रिकॉर्ड, "हाई रेंज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स" में दर्ज हुआ नाम

शिमला (रोहड़ू): हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले के रोहड़ू की रहने वाली महज़ 3 साल की माही राज नेपटा ने अपनी अद्भुत प्रतिभा का परिचय देते हुए एक विश्व रिकॉर्ड कायम कर दिखाया है। प्री-नर्सरी की छात्रा माही ने अपनी असाधारण स्मरण शक्ति और आत्मविश्वास के बलबूते “हाई रेंज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स” में अपना नाम दर्ज करवा लिया है। माही ने सिर्फ 1 मिनट और 30 सेकंड में भारतीय प्रतिज्ञा (Indian Pledge) को अंग्रेजी में जुबानी सुनाकर यह कारनामा किया है। इस उम्र में इतनी जटिल प्रतिज्ञा को याद कर माही ने साबित कर दिया है कि सफलता के लिए उम्र का कोई बंधन नहीं होता।

तहसीलदार ने किया माही को सम्मानित

माही की इस असाधारण उपलब्धि पर तहसीलदार जुब्बल, गुरमीत सिंह नेगी ने एक विशेष कार्यक्रम में माही राज नेपटा को सम्मानित किया। उन्होंने कहा, “माही ने इतनी छोटी उम्र में अपने अद्भुत कौशल से क्षेत्र का नाम रोशन किया है। यह सम्मान उसके मेहनत और संकल्प का प्रतीक है।” इस अवसर पर माही के माता-पिता और स्थानीय लोग भी उपस्थित थे, जिन्होंने माही की सराहना की और उसकी सफलता पर गर्व जताया।

माता-पिता का मेहनत और माही का समर्पण

माही की इस सफलता के पीछे उसकी कड़ी मेहनत और उसके माता-पिता का गहरा सहयोग रहा है। माही के पिता हंस राज नेपटा ने अपनी बेटी की इस उपलब्धि पर गर्व व्यक्त करते हुए कहा, “यह हमारे परिवार के लिए अत्यंत गर्व का क्षण है। माही की लगन और समर्पण ने हमें यह दिन दिखाया है।” उन्होंने अन्य बच्चों के अभिभावकों से भी आग्रह किया कि वे बच्चों की रुचियों और प्रतिभाओं पर ध्यान दें और उन्हें सही दिशा देने में योगदान करें। इसके साथ ही, उन्होंने शिक्षकों से निवेदन किया कि वे छात्रों की छिपी हुई प्रतिभाओं को उभारने में मदद करें ताकि भविष्य में अधिक बच्चे माही की तरह सफलता हासिल कर सकें।

शिक्षा विशेषज्ञों और समाज का समर्थन

माही की इस अद्भुत उपलब्धि पर शिक्षा विशेषज्ञ भी हैरान हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इतनी छोटी उम्र में माही की स्मरण शक्ति और आत्मविश्वास असाधारण है। शिमला जिले के शिक्षा विभाग ने माही की उपलब्धि की सराहना की है और उसे भविष्य में शिक्षा में हर संभव मदद का आश्वासन दिया है। माही की इस उपलब्धि ने ना सिर्फ रोहड़ू बल्कि हिमाचल प्रदेश के हर निवासी को गर्व महसूस कराया है।

अन्य बच्चों के लिए प्रेरणा

माही ने एक मिसाल कायम की है कि अगर बच्चों में सही मार्गदर्शन और प्रेरणा मिले तो वो कम उम्र में भी कुछ अनोखा कर सकते हैं। उनकी यह सफलता अन्य बच्चों और अभिभावकों के लिए प्रेरणा स्रोत है। माही के इस कारनामे ने समाज में यह संदेश दिया है कि हर बच्चा किसी ना किसी प्रतिभा का धनी होता है और अगर उसे सही दिशा मिल जाए तो वह असाधारण उपलब्धि हासिल कर सकता है।

सोशल मीडिया पर माही की तारीफ

माही की इस उपलब्धि की खबर सोशल मीडिया पर तेजी से फैल गई है। कई प्रमुख हस्तियों और लोगों ने माही को बधाई संदेश भेजे हैं। उसकी इस प्रतिभा और मेहनत को देखकर हर कोई हैरान है और उसकी तारीफ कर रहा है।