भरमौर-पांगी के विधायक डॉ. जनकराज ने पांगी प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि उन्हें महत्वपूर्ण बैठकों की जानकारी समय पर नहीं दी जाती। डॉ. जनकराज का कहना है कि पांगी प्रशासन उन्हें न तो बैठकों के बारे में सूचित करता है और न ही कोई निमंत्रण भेजता है। यह पहली बार नहीं है जब उन्होंने इस तरह की अनदेखी का सामना किया है, और इससे वे क्षेत्र के विकास कार्यों पर निगरानी नहीं रख पा रहे हैं।
डॉ. जनकराज के अनुसार, इस तरह की बैठकों के बारे में जानकारी न मिलने से उन्हें यह पता नहीं चल पाता कि किन मुद्दों पर चर्चा हो रही है और कौन से कार्य पूरे होने हैं। इसके अलावा, उन्होंने आरोप लगाया कि पहले की गई बैठकों की कार्यवाही (प्रोसीडिंग्स) की कॉपी भी उन्हें नहीं दी जाती, जिससे यह समझ पाना मुश्किल हो जाता है कि किन कार्यों पर ध्यान दिया जाना चाहिए और कौन से कार्य पूरे हुए हैं या नहीं।
महत्वपूर्ण बैठकों में हो रही अनदेखी
डॉ. जनकराज की यह नाराजगी उस समय सामने आई है जब 25 अक्तूबर को जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी पांगी के किलाड़ में एक दिवसीय दौरे पर आने वाले हैं। इस दौरान कई महत्वपूर्ण बैठकें आयोजित की जाएंगी, जैसे परियोजना सलाहकार समिति की बैठक, लाडा समिति की बैठक, और वन अधिकार अधिनियम-2006 पर चर्चा। लेकिन, डॉ. जनकराज को इन बैठकों की कोई आधिकारिक जानकारी या निमंत्रण नहीं दिया गया है, जिससे उनकी नाराजगी बढ़ गई है।
उन्होंने यह भी कहा कि अधिकारियों की इस तरह की अनदेखी से वे क्षेत्र के विकास कार्यों और योजनाओं पर सही दिशा में काम नहीं कर पा रहे हैं। उनकी शिकायत है कि यह बार-बार हो रहा है और अधिकारियों द्वारा उन्हें लगातार बैठक प्रक्रिया से बाहर रखा जा रहा है।
जगत सिंह नेगी का पांगी दौरा
जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी 24 अक्तूबर को शाम 5 बजे किलाड़ पहुंचेंगे और उनका रात्रि ठहराव लोक निर्माण विभाग के विश्राम गृह में होगा। 25 अक्तूबर को सुबह 10 बजे परियोजना सलाहकार समिति की बैठक, दोपहर 3 बजे लाडा समिति की बैठक और शाम 4 बजे वन अधिकार अधिनियम-2006 की बैठक होगी। इन बैठकों में पांगी क्षेत्र के विकास और जनहित से जुड़े कई मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।
हालांकि, विधायक डॉ. जनकराज का कहना है कि उन्हें 25 अक्तूबर को होने वाली बैठक की सूचना नहीं दी गई है। बावजूद इसके, उन्होंने निर्णय लिया है कि वह बैठक में भाग लेंगे और अधिकारियों से इस अनदेखी का स्पष्टीकरण मांगेंगे। उनका मानना है कि बैठकें जनता और क्षेत्र के हितों के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं, और उनकी उपस्थिति से विकास कार्यों को सही दिशा में आगे बढ़ाया जा सकेगा।