पंचायत सचिव-सहायक और रोजगार सेवकों की हाजिरी अनिवार्य, टूर की देनी होगी जानकारी

हिमाचल प्रदेश की ग्राम पंचायतों में अब पंचायत सचिव, सहायक और रोजगार सेवकों की हाजिरी अनिवार्य कर दी गई है। पंचायत विभाग ने सख्त आदेश जारी करते हुए कहा है कि पंचायत के ये कर्मचारी बिना सूचना दिए अब कार्यालय से अनुपस्थित नहीं रह सकेंगे। पंचायत सचिव, तकनीकी सहायक और रोजगार सेवकों को अपनी उपस्थिति का सटीक रिकॉर्ड रखना होगा और टूर के मामले में नोटिस बोर्ड पर जानकारी देना आवश्यक होगा।

सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक इन कर्मचारियों को पंचायत कार्यालय में उपस्थित रहना होगा, और टूर डायरी तथा हाजिरी रजिस्टर प्रधान से सत्यापित करवा कर बीडीओ कार्यालय को भेजना होगा। पंचायत विकास एवं पंचायत राज निदेशालय ने यह भी निर्देश दिया है कि अधिकारियों द्वारा औचक निरीक्षण किए जाएंगे ताकि उपस्थिति की सटीकता सुनिश्चित की जा सके।

यह कदम पंचायतों में कामकाज की पारदर्शिता बढ़ाने और सरकारी योजनाओं के सुचारु क्रियान्वयन के लिए उठाया गया है। पंचायत विभाग ने पंचायत सचिवों और सहायक कर्मचारियों पर शिकंजा कसते हुए कहा है कि वे अब बिना सूचना दिए पंचायत कार्यालय से बाहर नहीं जा सकते। यदि कोई कर्मचारी अनुपस्थित पाया जाता है या बिना अनुमति टूर पर जाता है, तो उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

पंचायत विभाग के अनुसार, पंचायत सचिव और सहायक कर्मचारियों की अनुपस्थिति से ग्राम स्तर पर विकास कार्यों में रुकावटें आ रही थीं। इसलिए अब उनके टूर की जानकारी और उपस्थिति की रिपोर्टिंग की अनिवार्यता तय की गई है। पंचायत विकास विभाग के अधिकारी, उपनिदेशक, बीडीओ और अन्य वरिष्ठ अधिकारी नियमित रूप से इन कर्मचारियों की उपस्थिति की जांच करेंगे। किसी भी अनियमितता पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

नए आदेश के तहत, ग्राम पंचायतों के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपनी हाजिरी समय पर दर्ज करें और कामकाज में कोई लापरवाही न बरतें। पंचायत सचिव, रोजगार सेवक और तकनीकी सहायक सभी पर इन नियमों का सख्ती से पालन करना अनिवार्य होगा।