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चंबा में भालू का हमला, बैलों की बहादुरी ने बचाई मालिक की जान

चंबा में भालू का हमला, बैलों की बहादुरी ने बचाई मालिक की जान

हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में एक असाधारण घटना सामने आई है, जहां दो बैलों ने अपनी वफादारी और बहादुरी से अपने मालिक की जान बचाई। यह घटना चंबा के जुम्हार धार क्षेत्र की है, जहां शुक्रवार रात एक भालू ने भेड़पालक नूर जमाल पर हमला कर दिया। भालू ने नूर जमाल को घर से बाहर खींचने की कोशिश की, लेकिन तभी बाहर बंधे उनके दोनों बैल अपनी जगह से खूंटा उखाड़कर भालू से भिड़ गए और अपने मालिक को बचा लिया।

घटना की रात का हाल

घटना के बारे में नूर जमाल के पोते हासम (14) ने बताया कि वह और उनके दादा कोठे मकान (पारंपरिक मिट्टी, पत्थर और लकड़ी से बने घर) में सो रहे थे। रात करीब 11:30 बजे अचानक एक जंगली भालू ने घर में घुसकर नूर जमाल पर हमला कर दिया। भालू ने जमाल को चेहरे और पीठ पर गंभीर चोटें पहुंचाई और उन्हें घसीटते हुए बाहर ले जाने की कोशिश करने लगा।

वफादार बैलों की बहादुरी

जमाल के दोनों बैल, जो घर के बाहर बंधे थे, ने अपने मालिक को खतरे में देखा और तुरंत प्रतिक्रिया दी। उन्होंने अपने खूंटे उखाड़े और भालू पर हमला बोल दिया। दोनों बैलों ने अपने सींगों से जोरदार प्रहार किया, जिससे भालू जमीन पर गिर पड़ा। बैलों की तीव्रता से घबराकर भालू वहां से भाग निकला।

घायल नूर जमाल का उपचार

भालू के हमले से नूर जमाल को चेहरे और पीठ पर गहरी चोटें आईं। शनिवार सुबह उनके परिवार के अन्य सदस्य मौके पर पहुंचे और उन्हें तुरंत चंबा मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है। हासम ने कहा, “अगर हमारे बैलों ने समय पर भालू पर हमला न किया होता, तो दादा को और गंभीर नुकसान हो सकता था।”

भालू हमलों में वृद्धि

चंबा और हिमाचल प्रदेश के अन्य ग्रामीण क्षेत्रों में हाल के वर्षों में जंगली जानवरों, विशेषकर भालुओं के हमलों में वृद्धि हुई है। भालू के हमले न केवल पशुधन के लिए बल्कि ग्रामीणों के लिए भी बड़ा खतरा बन गए हैं। वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, मानव बस्तियों के आसपास जंगली जानवरों की आवाजाही बढ़ने से इस तरह की घटनाएं अधिक हो रही हैं।

क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी बैलों की वफादारी

चंबा में इस घटना के बाद बैलों की बहादुरी और वफादारी की चर्चा जोरों पर है। आमतौर पर कुत्तों की वफादारी के किस्से सुनने को मिलते हैं, लेकिन इस घटना ने साबित कर दिया कि पशुओं में भी अपने मालिक के प्रति गहरा स्नेह और वफादारी होती है। स्थानीय ग्रामीणों ने बैलों की इस बहादुरी की सराहना की और इसे एक अद्भुत मिसाल बताया।

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