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पेयजल में मिले मरे हुए दो सांप !

बलमुईं के पेयजल टैंक में मिले मरे हुए दो सांप.

सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग लोगों के स्वास्थ्य के प्रति कितना गम्भीर है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि एक पेयजल टैंक में दो सांप मरे हुए मिले हैं.घटना भरमौर उपमंडल के ग्राम पंचायत हड़सर के अंतर्गत आने वाले बलमुईं गांव की है.गांव के लिए पास ही के नाले से पेयजल योजना लाई गई है.जिसके पानी को गांव के पास मझौता नामक स्थान पर टैंक के माध्यम से घर तक पहुंचाया जाता है.लोगों का कहना है कि कई बार स्रोत से गंदला पानी उन्हें मुहैया करवाया जाता है तो कई दिनों तक गांव में पानी आता ही नहीं है.जिस पर वे विभागीय कर्मचारी को शिकायत भी करते हैं लेकिन कर्मचारी उनकी शिकायतों को अन सुना कर देते हैं.रोज की इसी समस्या से दुखी होकर गांव के लोगों ने पंचायत के वार्ड सदस्य प्रताप चंद को शिकायत की.वार्ड सदस्य प्रताप चंद ने कहा कि जब उन्होंने पेय टैंक का निरीक्षण किया तो उसमें दो सांप मरे हुए पाए गए जबकि टैंक में कीचड़ भरा हुआ था.टैंक में पेयजल की बुरी हालत देख कर लोग घबरा गए हैं.उन्होंने कहा कि जब उन्होंने इसकी जानकारी मीडिया में देने के लिए फोन किया तो विभागीय कर्मचारी तुरंत टैंक की सफाई के लिए भाग निकले.प्रताप चंद ने कहा कि विभागीय अधिकारी अधीनस्थ कर्मचारियों को पेयजल भंडारों की साफ सफाई के निर्देश तो देते हैं लेकिन कर्मचारी इन पर अमल नहीं करते.वे ड्यूटी पर जाने के बजाए घर पर ही काम करने में व्यस्त रहते हैं.माना जा रहा है कि यह सांप पानी के टैंक में गिर तो गये लेकिन दीवारें सपाट व ऊंची होने के कारण यह बाहर नहीं निकल पाए.टैंक में कई दिनों तक खाना न मिलने के कारण इनकी मृत्यु हो गई होगी.
वहीं विशेषज्ञों की माने तो सांप कई सप्ताह बिना कुछ खाए जिंदा रह सकते हैं.इसका मतलब है कि विभाग ने कई महीनों से पेयजल टैंक की सफाई ही नहीं की है.अन्यथा सांप गिरने के पानी में गिरने के बाद दूसरे दिन ही पता चल जाता.वहीं प्रश्न यह भी है कि टैंक के ऊपर ढक्कन को क्यों खुला छोड़ दिया गया ?

इस संदर्भ में सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य विभाग के सहायक अभियंता शरती राम शर्मा ने कहा कि मामला उनकी जानकारी में नहीं आया है.वे मामले की छानबीन कर उचित कार्यवाही करेंगे.

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