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पठानकोट-भरमौर राष्ट्रीय राजमार्ग की दस वर्षों के बाद स्थिति दयनीय, धीमी निर्माण गति से कहीं लग न जाएं 50 वर्ष

image depicting the deteriorated Pathankot-Bharmour National Highway

पठानकोट-भरमौर राष्ट्रीय राजमार्ग, जिसे वर्ष 2014 में राष्ट्रीय मार्ग का दर्जा प्राप्त हुआ था, अब तक उस विकास को पाने में असफल रहा है जिसकी उम्मीद सरकार और स्थानीय लोगों ने की थी। दस वर्षों के बाद भी, इस महत्वपूर्ण राजमार्ग का निर्माण कार्य अत्यंत धीमी गति से चल रहा है, जिससे यह चिंता उत्पन्न हो रही है कि शायद इसे पूरा होने में पाँच दशक लग सकते हैं।

भरमौर क्षेत्र हिमालयी भू-आकृति का हिस्सा होने के नाते, निर्माण कार्य में कई बार भूस्खलन और मौसम की प्रतिकूलता जैसी समस्याएं आती रहती हैं। लेकिन फिर भी 10 वर्षों का समय बहुत ही अधिक है।

स्थानीय निवासी विनोद कुमार ने बताया, “हमें उम्मीद थी कि यह राजमार्ग हमारे क्षेत्र के विकास के नए द्वार खोलेगा, परंतु अब यह महज एक सपना प्रतीत होता है।” विनोद की तरह कई अन्य निवासी भी इस धीमी प्रगति से निराश हैं और उन्हें अपने क्षेत्र के आर्थिक विकास पर शंका है। राजेश शर्मा, सतपाल सिंह, सुरेश शर्मा, योगेश शर्मा, विजय कपूर, आकाश ठाकुर, सूरज कपूर, अशोक कुमार, पवन कुमार, सुभाष कुमार, और राजेन्द्र शर्मा का मानना है कि खराब सड़कें न सिर्फ व्यापार और पर्यटन को प्रभावित कर रही हैं, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं पर भी बुरा असर डाल रही हैं। चंबा रेफ़र किए गए मरीजों को अक्सर दिक्कतें आती हैं कभी किसी बड़े वहाँ के सड़क में धँसने से जाम लग जाता है तो कभी भूस्खलन से।

इस राजमार्ग की दयनीय स्थिति का असर स्थानीय व्यापार और पर्यटन पर भी पड़ रहा है। पर्यटकों की संख्या में कमी और व्यापारिक गतिविधियों में बाधा स्थानीय आर्थिक स्थिति को प्रभावित कर रही है। जहां चंबा भारत के कुछ सबसे पिछड़े जिलों में शामिल है, वहीं भरमौर इस जिले का एक अत्यंत पिछड़ा क्षेत्र है जिसे सरकारी नीतियों में अक्सर उपेक्षा का सामना करना पड़ता है। यहाँ पर्यटन और चौरासी मंदिरों के विकास के लिए सरकार के प्रयास अपर्याप्त रहे हैं। इसके अलावा, पठानकोट-भरमौर राष्ट्रीय राजमार्ग की खराब हालत ने स्थानीय विकास की दिशा में चुनौतियों को और भी बढ़ा दिया है।

यदि सरकार और संबंधित प्राधिकरण इस परियोजना को प्राथमिकता देते हुए आवश्यक कदम उठाते हैं, तो इस महत्वपूर्ण राजमार्ग का समय पर निर्माण संभव हो सकता है। इससे न केवल स्थानीय निवासियों को फायदा होगा, बल्कि यह क्षेत्रीय विकास में भी योगदान देगा।

देखिए चार महीने पहले की पठानकोट-भरमौर राष्ट्रीय राजमार्ग पर DD News की रिपोर्ट

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