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मणिमहेश यात्रा को 15 दिन से बढ़ाकर 3 महीने करने की उठी मांग

हिमाचल प्रदेश के पवित्र मणिमहेश यात्रा, जो प्रतिवर्ष भारी संख्या में श्रद्धालुओं को आकर्षित करती है, उसकी अवधि को 15 दिनों से बढ़ाकर तीन महीने तक करने की मांग उठ रही है। यह यात्रा, जो शिव भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण आस्था का केंद्र है, अब तक प्रति वर्ष श्रावण मास में संक्षिप्त अवधि के लिए ही आयोजित की जाती रही है। जहां 

मणिमहेश यात्रा (Manimahesh Yatra) हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में स्थित मणिमहेश कैलाश पर्वत के आधार पर आयोजित होती है। यह यात्रा भारतीय धार्मिक यात्राओं में एक प्रमुख आकर्षण है और हर साल हजारों श्रद्धालु दूर-दूर से इसके दर्शन के लिए आते हैं।


यह मांग विशेष रूप से इसलिए उठाई जा रही है क्योंकि लंबी अवधि वाली यात्रा से न केवल श्रद्धालुओं के लिए सुविधा बढ़ेगी, बल्कि स्थानीय व्यापार, पर्यावरण संरक्षण और पर्यटन को भी महत्वपूर्ण बढ़ावा मिलेगा।

सरकार से इस आयोजन को तीन महीने तक बढ़ाने की मांग करते हुए, पुजारियों और स्थानीय व्यापारियों का कहना है कि इससे न केवल यात्रा को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि इससे आर्थिक रूप से क्षेत्र और हिमाचल का विकास भी होगा। स्थानीय निवासी और व्यापारी बताते हैं कि मणिमहेश यात्रा के दौरान 15 दिन मे भारी भीड़ के एकदम आने से श्रद्धालुओं को पर्याप्त सुविधाएं भी नहीं मिल पाती हैं और पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचता है। यदि यात्रा की अवधि बढ़ाई जाती है, तो इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को काफी मदद मिलेगी लेकिन यात्रियों के लिए सुविधाएं उपलब्ध करना और पर्यावरण संरक्षण भी आसान होगा।

इस नई पहल से न केवल हिमाचल प्रदेश के पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा बल्कि यह आस्था के मार्ग में भी एक महत्वपूर्ण कदम होगा। विस्तारित यात्रा श्रद्धालुओं को अपने आस्था के प्रतीकों से जुड़ने का अधिक समय प्रदान करेगी, साथ ही स्थानीय व्यवसायों के लिए नए अवसर भी प्रदान करेगी। इस यात्रा के बढ़ावे से हिमाचल प्रदेश की कमाई बढ़ाने के लिए भी होगा फायदा।

मणिमहेश यात्रा की अवधि बढ़ाने से न केवल हिमाचल प्रदेश के धार्मिक और सांस्कृतिक परिदृश्य में एक नई क्रांति लाएगी, बल्कि यह आध्यात्मिक और आर्थिक दोनों ही मोर्चों पर राज्य के विकास को नई दिशा प्रदान करेगी।

स्थानीय व्यापारियों राजेश शर्मा, सतपाल सिंह, सुरेश शर्मा, योगेश शर्मा, विजय कपूर, आकाश ठाकुर, सूरज कपूर, अशोक कुमार, पवन कुमार, सुभाष कुमार, साहिल ठाकुर, अमित ठाकुर, विजय पखरेटिया, विनय चौहान, तिलक वर्मा, मदन शर्मा, सुधीर शर्मा, मनोज शर्मा, सूरज शर्मा, सोनू शर्मा, सुमित ठाकुर और राजेन्द्र शर्मा का कहना है कि मणिमहेश यात्रा की अवधि को 3 महीने तक बढ़ाने से आर्थिक मंदी से झूझ रहे भरमौर के व्यापार को सहारा मिलेगा।

हड़सर और भरमौर के पुजारियों भुवनेश शर्मा, करण शर्मा, राजेश शर्मा, रवि शर्मा, अनु शर्मा, सुरेश शर्मा, विजय शर्मा, महेंद्र शर्मा, सुधीर शर्मा, पवन शर्मा, शिव शर्मा का कहना है मणिमहेश यात्रा की अवधि को 3 महीने के लिए आसानी से बढ़ाया जा सकता है और जो श्रद्धालु साक्षिप्त समय की यात्रा समय मे यात्रा करने से वंचित रह जाते हैं उन्हे भी मणिमहेश कैलाश के दर्शन का मौका मिल सकेगा। उनका कहना है इस से न केवल श्रद्धालुओं को सुविधा होगी बल्कि इस देवभूमि में पर्यावरण संरक्षण के लिए कदम उठाने से भी आसानी होगी।

भरमौर ब्लॉक के विभिन्न पंचायतों के प्रतिनिधियों ने भी इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर अपनी बात रखी है। संचूई पंचायत के प्रधान संजीव ठाकुर, हड़सर पंचायत की प्रधान रजनी शर्मा धर्मपत्नी महेंद्र शर्मा, भरमौर पंचायत के पंचायत समिति सदस्य विक्रम कपूर, उप प्रधान सुमित ठाकुर, और वार्ड सदस्य अंजू देवी ने यात्रा की अवधि बढ़ाने की संभावना पर जोर दिया। उनका कहना है कि यदि प्रशासन चाहे तो इसी वर्ष यात्रा की अवधि को तीन महीने तक बढ़ाया जा सकता है। इसके लिए स्थानीय व्यापारियों, पुजारियों और पुलिस की मदद से नियंत्रित संख्या में यात्रियों को प्रति दिन यात्रा करने दिया जा सकता है। इस प्रक्रिया से न केवल इस वर्ष की यात्रा का सफल ट्रायल होगा, बल्कि अगले वर्ष यात्रा को और भी सुचारू रूप से आयोजित करने की दिशा में यह एक मजबूत कदम साबित होगा।

मणिमहेश यात्रा अवधि विस्तार के लिए जरूरतें और उनके कुछ समाधान

मणिमहेश यात्रा, हिमाचल प्रदेश में एक प्रमुख धार्मिक और पर्यटन स्थल है, जिसे और अधिक सुविधाजनक और सुरक्षित बनाने के लिए विभिन्न आवश्यकताओं की पहचान की गई है। यहाँ उन समाधानों का विवरण दिया गया है जो यात्रा की अवधि को विस्तारित कर सकते हैं:

1. मेडिकल कैम्प् – धनछो में आयोजन
धनछो में मेडिकल कैम्प्स की स्थापना से यात्रियों को आपातकालीन चिकित्सा सुविधाएं मिल सकेंगी। यह कैम्प्स विभिन्न एनजीओ द्वारा संचालित किए जा सकते हैं।
2. पुलिस चौकी – हड़सर में स्थापना
हड़सर में पुलिस चौकी की स्थापना से यात्रा के दौरान सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है। सरकार यहाँ होम गार्ड्स की तैनाती कर सकती है।
3. बचाव दल की स्थापना
यात्रा मार्ग पर बचाव दल की स्थापना से आपात स्थितियों में त्वरित सहायता प्रदान की जा सकती है। विभिन्न एनजीओ द्वारा संचालित किए जा सकते हैं।
4. पर्यावरण संरक्षण की योजनाएँ
पर्यावरण के संरक्षण के लिए उपाय किए जा सकते हैं, जैसे कि कचरा प्रबंधन और प्लास्टिक के उपयोग पर नियंत्रण।
5. शौचालयों का निर्माण
हड़सर से मणिमहेश के बीच पांच प्रमुख स्थानों पर स्थायी शौचालयों का निर्माण, शुरुआत में अस्थायी संरचनाओं से काम चलाना और फिर दो से तीन वर्षों में स्थायी निर्माण करना।
6. गाइड की अनिवार्यता
15 दिन के मुख्य यात्रा को छोड़ बढ़ाई गई अवधि के दौरान गाइड को अनिवार्य बनाने से युवाओं को रोजगार मिलेगा और यात्रियों की सुरक्षा में आसानी होगी।
7. पंजीकरण शुल्क में वृद्धि – गरीबों व पारंपरिक जत्थों को छोड़कर 
मुख्य यात्रा के समय को छोड़कर, अन्य समय में यात्रा के लिए पंजीकरण शुल्क को ₹100 से लेकर ₹500 तक बढ़ाया जा सकता है जिस से अतिरिक्त आय सृजन हो सकती है जिस से क्षेत्र व यात्रा सम्बन्धी विकास कार्यों के लिए प्रयोग किया जा सकता है । गरीबों के लिए पंजीकरण शुल्क मे छूट हो और सदियों से जम्मू इत्यादि क्षेत्र के जत्थों को भी पंजीकरण शुल्क मे छूट दी जाए।  

इन उपायों के कार्यान्वयन से मणिमहेश यात्रा को अवधि को आसानी से बढ़ाया जा सकता है और सुरक्षित, स्वच्छ तथा आकर्षक बनाया जा सकता है। यह न केवल श्रद्धालुओं के लिए, बल्कि स्थानीय समुदाय के लिए भी लाभदायक होगा।

मनीयहेश यात्रा श्राइन बोर्ड बनाने से होगी यात्रा प्रबंधन मे आसानी

मणिमहेश यात्रा के लिए एक विशेष श्राइन बोर्ड की स्थापना से इस पवित्र यात्रा के प्रबंधन, संरक्षण और प्रचार-प्रसार में निश्चित रूप से सुधार होगा। यह बोर्ड यात्रा की योजना, निष्पादन और निगरानी के लिए एक संगठित ढांचा प्रदान करेगा, जिससे यात्रियों को बेहतर सेवाएं और सुरक्षित अनुभव सुनिश्चित हो सकेगा।

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