आईजीएमसी शिमला में आज अंतराष्ट्रीय नर्स दिवस मनाया गया.आईजीएमसी के सभागार में इस अवसर के लिए आयोजित कार्यक्रम में मुख्यातिथि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर रहे.
कार्यक्रम का आयोजन कर रहे आईजीएमसी के चिकित्सा अधीक्षक डॉ जनक राज ने मुख्यमंत्री के समक्ष नर्सों की कर्त्तव्य निष्ठा का उदाहरण देते हुए कहा कि करवाचौथ,भाई दूज व रक्षा बन्धन जैसे त्योहारों पर महिलाओं को अवकाश होने के बावजूद तमाम अस्पतालों में तैनात महिला नर्स स्टाफ मानव सेवा में जुटा रहता है.नर्स द्वारा परिवार के लिये होने वावजूद मरीज को दिया दिया जाने वाला यह महत्वूर्ण समय किसी कुर्बानी से कम नहीं है.यह साहस पुरुषों नें कम ही दिखता है.जिसके लिए नर्स स्टाफ मैं प्रणामवेरता हूं.उन्होंने कहा कि आज तकनीक के युग में नर्स व चिकित्सक का कार्य में ज्यादा अंतर नहीं रह गया,दूसरे शब्दों नें कहा जाए तो चिकित्सकों के कमी जूझ रहे अस्पतालों में आपात स्थिति में नर्स अपने कार्य अनुभव व कुशलता के बल पर चिकित्सक के काम को भी सम्भाल लेती हैं.उन्होनें मुख्यमंत्री से नर्सों की समस्याओं को अवगत करवाते हुए कहा कि चिकित्सकों की भांति नर्सों को भी आधुनिक चिकित्सा उपकरणों का प्रशिक्षण दिया जाना आवश्यक है.वार्ड में मरीज की तबीयत खराब होने पर सबसे पहले नर्स को ही स्थिति को सम्भावना पड़ता है.ऐसे में अगर नर्सों को मशीनों का प्रशिक्षण दिया जाता है तो वे मरीजों स्वास्थ्य लाभ में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकतीं हैं.
डॉ जनक द्वारा अवसर पर महिला सुरक्षा पर भी महत्वपूर्ण सुझाव व जानकारी दी गई.